
दिल्ली विधानसभा का पहला ही सत्र होगा हंगामेदार, जानिए कौन सी बात बनेगी इसकी वजह
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सीएजी रिपोर्ट को सदन में पेश करने की मांग को लेकर पिछली विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे विजेंद्र गुप्ता दिल्ली हाई कोर्ट तक पहुंच गए थे. अपनी याचिका में विजेंद्र गुप्ता ने हाई कोर्ट से मांग की थी कि वह तत्कालीन AAP सरकार को निर्देश दे कि तत्काल सभी पेंडिंग कैग रिपोर्ट्स विधानसभा में रखी जाएं. अब वही विजेंद्र गुप्ता विधानसभा अध्यक्ष बनने वाले हैं.
दिल्ली की नई चुनी हुई विधानसभा का पहला सत्र हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. सत्र भले ही महज तीन दिनों का हो, लेकिन जिस तरीके से कार्यवाही की सूची सामने आई है उससे यही लगता है कि शुरुआती सत्र में ही सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी आम आदमी पार्टी के विधायकों में जमकर नोकझोंक होगी. तीन दिनों का विधानसभा सत्र 24 फरवरी से शुरू होकर 27 फरवरी तक तक चलेगा. 26 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन सदन की कार्यवाही स्थगित रहेगी.
दिल्ली विधानसभा में हंगामे के आसार क्यों?
दिल्ली विधानसभा सत्र की जो कार्यसूची जारी हुई है, उसके मुताबिक 24 फरवरी को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों सहित सभी विधायक शपथ लेंगे. शपथ लेने की शपथ विधि प्रोटेम स्पीकर अरविंदर सिंह लवली पूरी करवाएंगे. इसी दिन लंच के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता को स्पीकर पद के लिए चुना जाएगा. विपक्षी आम आदमी पार्टी ने अपने किसी विधायक का नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित नहीं किया है, अत: विजेंद्र गुप्ता का निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना तय है.
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दूसरे दिन यानी 25 फरवरी को सदन की कार्यवाही हंगामेदार होने की उम्मीद है. इस दिन सबसे पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पहली बार विधानसभा को संबोधित करेंगे. उपराज्यपाल के अभिभाषण में पिछली AAP सरकार के कामकाज को लेकर टिप्पणी भी हो सकती है. इसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायक चुप रहेंगे, इसकी संभावना कम है. 25 फरवरी को ही कैग की 14 पेडिंग रिपोर्ट्स भी विधानसभा के पटल पर रखी जाएंगी. कैग रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान हुई कई सारी गड़बड़ियों का लेखाजोखा हो सकता है.
AAP के लिए CAG रिपोर्ट बनेगी पेरशानी

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