
दिल्ली में BJP शासित राज्यों के CM की बड़ी बैठक जारी... PM मोदी, अमित शाह समेत पार्टी के बड़े नेता मौजूद
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बीजेपी के सभी मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पहुंच गए हैं. इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह समेत तमाम बड़े नेता भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि इस बैठक में लोकसभा चुनावों में हुए नुकसान से लेकर आगामी राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा होगी.
यूपी को लेकर जबरदस्त गहमागहमी है. बैठकों का दौर हो रहा है. लखनऊ से सारी हलचल खत्म होकर अब दिल्ली में केंद्रित हो गई है. यूपी के सारे बीजेपी दिग्गज आज शनिवार को दिल्ली में हैं. 24 घंटे में दिल्ली में कई अहम बैठकें होनी हैं. नीति आयोग की पहली बैठक हो चुकी है. अब दूसरी बैठक बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और डिप्टी सीएम की हो रही है. इसके अलावा यूपी बीजेपी का सियासी मुद्दा निपटाने के लिए भी अलग से बैठक होनी है.
दरअसल, बीजेपी के सभी मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पहुंच गए हैं. इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह समेत तमाम बड़े नेता भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि इस बैठक में लोकसभा चुनावों में हुए नुकसान से लेकर आगामी राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा होगी. बैठक में योगी आदित्यनाथ, नायब सैनी, मोहन यादव, विष्णु देव सहाय, पुष्कर धामी, हेमंत बिस्वा सरमा, प्रमोद सावंत और अन्य भाजपा सीएम और डिप्टी सीएम पहुंच चुके हैं.
यूपी बीजेपी का मुद्दा सुलझाने को भी होगी बैठक!
वहीं इसके बाद उत्तर प्रदेश को लेकर सीएम योगी और बीजेपी की टॉप लीडरशिप के बीच यूपी को लेकर अहम बैठक हो सकती है. कयासों का बाजार गर्म है. सब जानना चाहते हैं कि आखिर यूपी में क्या खिचड़ी पक रही है. दरअसल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बीजेपी के कमोबेश सारे विधायकों से बात कर चुके हैं. उधर डिप्टी सीएम केशव मौर्य भी दर्जनों विधायकों से मिल चुके हैं. आखिर इन बैठकों का मकसद क्या है? इसका जवाब हर कोई तलाश रहा है. वहीं सियासी गहमागहमी को लेकर विपक्ष लगातार बीजेपी पर निशाना साध रहा है. अखिलेश यादव लगातार चुटकी लेकर बीजेपी की डबल इंजन सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
क्या कलह के बीच सरकार गिराने का प्लान है?
4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम आए, इधर परिणाम आए और उधर यूपी में परिवर्तन की चार्चाओं का सियासी बाजार गर्म हो गया. सियासी गलियारे में यही दावे सुनाई देने लगे कि यूपी में खराब प्रदर्शन की गाज किसी बड़े नेता पर गिरेगी. इन चर्चाओं को हवा दे दी केशव प्रसाद मौर्य के एक बयान ने. बस फिर क्या था अंदरूनी लड़ाई सतह पर आ गई. इसी बीच संगठन बनाम सरकार की लड़ाई में अखिलेश यादव की एंट्री हुई-और उन्होंने एक तीर से दो निशाने साध दिए.

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