
दिल्ली में 10 लाख का लोन दिला ब्लैंक चेक से निकाल लिए 7 लाख, प्राइमरी टीचर के साथ ठगी
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दिल्ली में एक प्राइमरी स्कूल के टीचर ने बैंक से तीन लाख रुपये के लोन के लिए आवेदन किया था. लोन दिलाने वाले ने कागजों में हेराफेरी कर उसके नाम पर 10 लाख का लोन पास करा दिया. 10 लाख रुपये खाते में आए भी, लेकिन ठगों ने ब्लैंक चेक के जरिये सात लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया. अब पीड़ित ने केस दर्ज कराया है.
जरूरत के समय कर्ज के लिए आम आदमी बैंकों का रुख करता है. जरा सोचिए, वहां भी जब लोग ठगी का शिकार होने लगें तो क्या होगा. कुछ ऐसा ही हुआ है दिल्ली के एक प्राइमरी स्कूल के अध्यापक के साथ. उत्तरी बाहरी दिल्ली के एक प्राइमरी टीचर ने बैंक से तीन लाख रुपये का लोन मांगा था लेकिन उसे मिले 10 लाख रुपये. बाद में सात लाख रुपये ठगों ने चेक के जरिये दूसरे खाते में ट्रांसफर भी कर लिए. अब पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की है.
जानकारी के मुताबिक उत्तरी बाहरी दिल्ली के एक प्राइमरी स्कूल के टीचर को पर्सनल लोन की जरूरत थी. इसी दौरान प्राइमरी स्कूल के टीचर के पास किसी अज्ञात शख्स का फोन आया. बातचीत के बाद फोन करने वाले शख्स ने प्राइमरी स्कूल के टीचर से लोन दिलाने के नाम पर दो ब्लैंक चेक ले लिए. आरोपी ने वॉट्सएप के जरिये जरूरी कागजात भी मंगा लिए.
आरोप है कि उस व्यक्ति ने कागजों में हेरा-फेरी करके तीन की जगह 10 लाख रुपये का लोन पास करा दिया. धोखाधड़ी के शिकार टीचर के बैंक खाते में 10 लाख रुपये आए भी. इसके बाद आरोपी ने ब्लैंक चेक का इस्तेमाल कर सात लाख रुपये अपने बैंक खाते में ट्रांसफर भी कर लिए. पीड़ित ने अब पुलिस से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है.
पीड़ित टीचर का कहना है कि उसने इसे लेकर आरोपी को फोन भी किया था. उसने ये कहा कि आपको सिर्फ तीन लाख रुपये की ही किश्त देनी होगी, लेकिन उसे 10 लाख रुपये लोन राशि के लिए किश्त का भुगतान करना पड़ रहा है. पीड़ित के मुताबिक उसे धोखाधड़ी का अहसास तब हुआ, जब लोन दिलाने वाले ने सात लाख रुपये निकालने के बाद अपना फोन भी बंद कर लिया.
पीड़ित की तहरीर पर मामला दर्ज बवाना साइबर थाने की पुलिस जांच में जुट गई है. पुलिस अब बैंक खाते की डिटेल और मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपी की पहचान कर उसकी धरपकड़ के लिए प्रयास कर रही है.

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