दिल्ली में बढ़ी बिजली की दरों के विरोध में CM आवास के बाहर BJP का प्रदर्शन, शुक्रवार को कांग्रेस खोलेगी मोर्चा
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सांसद रमेश बिधूड़ी ने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार, बिजली कंपनियों से सांठगांठ करके जनता को धोखा दे रही है. वहीं कांग्रेस भी केजरीवाल सरकार को बिजली की बढ़ी दरों के मुद्दे पर घेरेगी.
बिजली की बढ़ी दरों को लेकर के बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही दिल्ली सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दक्षिण दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने बिजली की बढ़ी दरों के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया.
बीजेपी का आरोप
सांसद रमेश बिधूड़ी ने आरोप लगाते हुए कहा कि डीईआरसी ने दिल्ली की बिजली कंपनियों को दो से छह फीसदी तक की (पॉवर परचेज एडजेस्टमेंट कॉस्ट) दरों में बढ़ोतरी करने की अनुमति जो दी है दरसल वो 12 फीसदी है. बिजली कंपनियों से सांठगांठ करके गरीब आदमी को ठगा जा रहा है. दिल्ली के 6 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर बिजली की पूरी तरह चोरी होती है और उसका खामियाजा बाकी की विधानसभा के लोगों को उठाना पड़ता है.
कांग्रेस का आरोप
वहीं दूसरी तरफ सत्ता से दूर बैठी कांग्रेस ने एक बार फिर दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमला बोलते हुए बिजली कंपनियों के खातों की जांच सीएजी से कराने की मांग कर दी है. दिल्ली कांग्रेस के नेता और पूर्व पावर मिनिस्टर हारून यूसुफ ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह वही आम आदमी पार्टी की सरकार है जो सत्ता में आने से पहले शीला दीक्षित से यह कहा करते थे कि बिजली कंपनियों का ऑडिट कराया जाए. बिजली कंपनियों से शीला दीक्षित की सांठगांठ है, लेकिन आज सत्ता में आने के बाद बिजली कंपनियों के खातों की कोई जांच नहीं करा रहे हैं. शुक्रवार को कांग्रेस भी इसी मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन करेगी.
RWA ने भी DERC पर उठाए सवाल
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.