दिल्ली: पीएम मोदी के खिलाफ पोस्टर मामले में नेताओं का हाथ! कई AAP कार्यकर्ता जांच के घेरे में
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डीडीएमए की तरफ से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान पीएम मोदी के आलोचना वाले पोस्टर लगाए गए थे जिसमें लिखा गया था,''मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन को विदेश क्यों भेज दिया?” पुलिस का कहना है कि कुछ न्यूज रिपोर्ट में जांच का पूरा पहलू नहीं दिखाया गया और केवल इस बात का जिक्र किया गया कि इस मामले में गरीब मजदूरों की गिरफ्तारी की गई है.
दिल्ली में वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ लगाए गए पोस्टर के मामले में की जा रही जांच में यह सामने आ रहा है कि लॉकडाउन का उल्लंघन कर पोस्टर लगाने के पीछे राजनीतिक पार्टी के नेताओं का हाथ है. पीएम मोदी की आलोचना वाले पोस्टर मजदूरों और प्रिटिंग प्रेस वालों की मदद से लगाए गए हैं. दर्ज किए गए मामलों की जांच में यह बात सामने आई है कि इसमें राजनीतिक पार्टी के नेताओं की संलिप्तता है. डीडीएमए की तरफ से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान पीएम मोदी के आलोचना वाले पोस्टर लगाए गए थे जिसमें लिखा गया था,''मोदी जी हमारे बच्चों की वैक्सीन को विदेश क्यों भेज दिया?” पुलिस का कहना है कि कुछ न्यूज रिपोर्ट में जांच का पूरा पहलू नहीं दिखाया गया और केवल इस बात का जिक्र किया गया कि इस मामले में गरीब मजदूरों की गिरफ्तारी की गई है.मंगोलपुरी पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 188 और PDPP एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.