दिल्ली के तीनों निगमों को एक करने वाला विधेयक संसद में पास, केंद्र का दावा- मजबूत होगी आर्थिक स्थिति
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कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने कहा कि 1991 में दिल्ली में विधानसभा बनाकर उसे विधायी अधिकार दिए गए थे जबकि केंद्र सरकार दिल्ली को संचालित करने की शक्ति अपने पास वापस ले रही है.
दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला विधेयक संसद में पास हो गया है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस बिल को पेश करते समय दावा किया था कि एक नगर निगम होने से उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, तो गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक दिल्ली की सिविक सेवाओं को बेहतर करेगा और दिल्ली के लोगों को एक रूप सुविधाएं मिल पाएंगी और यह तब होगा जब दिल्ली नगर निगम तीन अलग-अलग नहीं बल्कि एक होंगे.
बता दें कि 1957 दिल्ली नगर निगम एक्ट के तहत दिल्ली नगर निगम बना फिर 1993 और 2011 में संशोधन हुए जिसके बाद ईस्ट साउथ और नॉर्थ एमसीडी में निगमों को बांट दिया गया. पार्षदों की संख्या सीमित हो इसका प्रस्ताव भी बिल में है.
दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी की खरी-खरी
दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने आम आदमी पार्टी पर राजनीतिक मकसद से नगर निगमों को धन नहीं देने का आरोप लगाया. साथ ही कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि जब 2011-12 में दिल्ली नगर निगम को तीन भागों में बांटा गया था, तब कांग्रेस यह कहना भूल गई कि एक ही परिवार, एक ही पार्टी सत्ता भक्ति रहे, इसलिए आनन-फानन में निगम को 3 हिस्सों में बांटा गया था. उनका यह भी दावा था कि आम आदमी पार्टी सरकार ने अदालत के आदेश के बावजूद नगर निगमों को बकाया धन नहीं दिया.
सफाई कर्मियों के लिए बिल में खुशखबरी
विधेयक में सफाई कर्मियों के लिए व्यवस्था की गई है. सफाई कर्मियों को 14 दिनों का नोटिस देकर हटाने का प्रावधान खत्म कर सभी को परमानेंट किए जाने की बात कही गई है. केंद्र सरकार का कहना है कि तीनों निगमों को अब सीधे केंद्र सरकार से फंड मिलेगा. संशोधन बिल के तहत 1957 के मूल अधिनियम में कुछ और संशोधन भी शामिल किए गए हैं.
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