
दिल्ली और पंजाब में तल्खी... क्या आज चंडीगढ़ मेयर चुनाव में साथ आ पाएंगे AAP और कांग्रेस?
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चंडीगढ़ के मेयर का चुनाव आज होना है. मेयर चुनाव में नजर कांग्रेस के स्टैंड पर है. दिल्ली और पंजाब की तल्खी के बीच क्या कांग्रेस चंडीगढ़ चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ आ पाएगी?
चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर का आज चुनाव होना है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली बार हुई गड़बड़ियों को देखते हुए दोनों पक्षों की परस्पर सहमति से चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए स्वतंत्र पर्यवेक्षक की नियुक्ति की है. सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयश्री ठाकुर को स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त करते हुए चंडीगढ़ नगर निगम को मानदेय का भुगतान करने के निर्देश दिए थे.
अब चुनाव की घड़ी आ गई है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या दिल्ली और पंजाब में तल्खी के बीच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में साथ आ पाएंगे?
कांग्रेस-AAP गठबंधन पर सस्पेंस क्यों
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन पर सस्पेंस इसलिए भी है क्योंकि पंजाब से लेकर दिल्ली तक, दोनों दलों के रिश्ते तल्ख हैं. दिल्ली में जहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे हैं, अरविंद केजरीवाल से लेकर राहुल गांधी तक एक-दूसरे पर तल्ख शब्दबाण चला रहे हैं.
पंजाब कांग्रेस यूनिट भी चंडीगढ़ चुनाव में साथ के खिलाफ है. पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने अमृतसर से लेकर फजिल्का तक, नगर निगम के मेयर चुनाव में सबसे बड़ा दल होने के बावजूद अपना मेयर बनाने में कांग्रेस के विफल रहने का हवाला देते हुए चंडीगढ़ में साथ का विरोध किया है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पिछली बार भी पंजाब कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी के समर्थन का विरोध कर रहे थे लेकिन तब दोनों दलों की तल्खी पंजाब तक ही सीमित थी.
शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर भी पिछले मेयर चुनाव के समय दोनों दल साथ थे और दिल्ली की लोकसभा सीटों पर भी कांग्रेस-आम आदमी पार्टी ने गठबंधन किया था. इस बार तस्वीर दूसरी है. इस बार के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार प्रेमलता को गठबंधन का उम्मीदवार ही बताया जा रहा है लेकिन क्रॉस वोटिंग की आशंकाएं भी जताई जा रही हैं. प्रेमलता का मुकाबला बीजेपी की हरप्रीत कौर बबला से है.

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