दिल्लीः होलिका दहन पर किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं, आगे का प्लान भी बताया
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नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को चार महीने से ज्यादा बीत चुके हैं. किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. उनकी मांग है कि सरकार तीनों कानूनों को रद्द करे और एमएसपी पर कानून बनाए.
दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने रविवार को होलिका दहन के मौके पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर होलिका दहन मनाया. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वो तब तक अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर देती और मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी MSP की गारंटी का कानून नहीं बना देती. इससे पहले लोहड़ी का त्योहार भी किसानों ने इसी तरह मनाया था. उस समय भी किसानों ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई थीं.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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