'दलित होने के कारण नहीं मिलता सम्मान', योगी सरकार के मंत्री दिनेश खटीक का इस्तीफा
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपने इस्तीफे की पेशकश करने वाले जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक नेआरोप लगाया है कि दलित होने की वजह से विभाग में उनकी सुनवाई नहीं होती.
योगी सरकार में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने अपना इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजा है. इस इस्तीफे में दिनेश खटीक ने अधिकारियों पर तवज्जो न देने और दलितों का उचित मान-सम्मान न मिलने का आरोप लगाया है. अधिकारियों के रवैये से नाराज होकर मंत्री दिनेश खटीक ने इस्तीफे की पेशकश की है.
जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने आरोप लगाया है कि दलित होने की वजह से विभाग में उनकी सुनवाई नहीं होती और न ही किसी बैठक की सूचना उन्हें दी जाती है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यमंत्री के अधिकार के तौर पर सिर्फ गाड़ी दे दी गई है. मंत्री दिनेश खटीक ने ट्रांसफर के मामलों में बड़े भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.
तबादले में गड़बड़ी को लेकर जब दिनेश खटीक ने अधिकारियों से जानकारी मांगी गई तो उन्हें अबतक जानकारी नहीं दी गई. प्रमुख सचिव सिंचाई पर आरोप लगाते हुए राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने कहा कि फोन करने पर बिना पूरी बात सुने उन्होंने फोन काट दिया. मंत्री ने नमामि गंगे योजना में भी भ्रष्टाचार की बात कही है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखी चिट्ठी में राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने अपने विभाग के अधिकारियों पर तमाम तरह के आरोप लगाए हैं. उन्होंने इसकी एक कॉपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजभवन को भी भेजी है. हालांकि, सरकार और पार्टी संगठन के स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
सूत्रों के मुताबिक, मंत्री ने अमित शाह को लिखी अपने चिट्ठी में लिखा है कि दलित होने के कारण अधिकारी उनकी एक भी बात नहीं सुनते हैं, अभी तक मुझे विभाग में कोई काम नहीं मिला है. जल शक्ति विभाग में दलित समुदाय के राज्य मंत्री होने के नाते उनके किसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, न ही विभाग की योजनाएं के बारे में जानकारी दी जाती है.
जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी दलितों का अपमान कर रहे हैं, मेरे विभाग में ट्रांसफर के नाम पर गलत तरीके से पैसा वसूला गया, इसकी भनक लगने के बाद जब मैंने विभागाध्यक्ष से इसकी जानकारी मांगी तो अभी तक उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.