त्रिपुरा: शादी में बवाल करने वाले अफसर शैलेश यादव पर एक्शन जारी, अब जिले से बाहर हुआ ट्रांसफर
AajTak
शादी में बदतमीजी कर कार्यक्रम रुकवाकर चर्चा में आए शैलेश यादव का ट्रांसफर कर दिया गया है. राज्य सरकार ने बुधवार को हाईकोर्ट को इस बारे में सूचना दी. शैलेश यादव पश्चिम त्रिपुरा के डीएम थे, जब उन्होंने एक शादी को जबरन रुकवाया और वहां मौजूद लोगों से दुर्व्यवहार किया.
त्रिपुरा में कोरोना काल में चल रही एक शादी में बदतमीजी कर कार्यक्रम रुकवाकर चर्चा में आए शैलेश यादव का ट्रांसफर कर दिया गया है. राज्य सरकार ने बुधवार को हाईकोर्ट को इस बारे में सूचना दी. शैलेश यादव पश्चिम त्रिपुरा के डीएम थे, जब उन्होंने एक शादी को जबरन रुकवाया और वहां मौजूद लोगों से दुर्व्यवहार किया. बुधवार को एक सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शैलेश यादव को लेकर राज्य सरकार से सवाल किया और उनपर लिए गए एक्शन के बारे में जानकारी ली. राज्य सरकार ने अदालत को बताया है कि शैलेश यादव को अभी उनके पद से मुक्त कर दिया गया है, वह 12 दिन की छुट्टी पर हैं. इसके बाद अदालत ने सरकार से पूछा कि अभी तक शैलेश यादव को पश्चिमी त्रिपुरा में ही क्यों रोका गया है, जिसके बाद अदालत ने सरकार को आधे घंटे का वक्त देते हुए नई पोस्टिंग की जानकारी मांगी. अब सरकार ने शैलेश यादव को साउथ त्रिपुरा के बेलोनिया जिले में ट्रांसफर कर दिया है. हालांकि, अभी शैलेश यादव को कोई पद नहीं दिया गया है. राज्य सरकार ने 26 अप्रैल को अगरतला के पास हुई घटना के बाद शैलेश यादव के खिलाफ जांच का आदेश दिया है. अदालत ने सरकार से ये भी पूछा है कि वह जानकारी दें कि उस दिन डीएम के आदेश पर कितनी महिलाओं को गिरफ्तार किया गया. नियम के मुताबिक, बिना मजिस्ट्रेट की इजाजत के शाम 6 बजे के बाद महिला को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. बता दें कि अप्रैल के आखिरी हफ्ते में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें डीएम शैलेश यादव एक शादी समारोह में घुसते हैं और वहां खड़े लोगों से बदतमीजी करते हैं और कार्यक्रम रोकने को कहते हैं.देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.