
तारीख पर तारीख... श्रद्धा वॉल्कर के अंतिम संस्कार का इंतजार करते पिता भी छोड़ गए दुनिया, दर्दनाक दास्तान
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श्रद्धा के पिता विकास वॉल्कर और भाई मुंबई से दिल्ली के न जाने कितने ही चक्कर काट चुके थे. जानकारी के मुताबिक, पिछले दो सालों से वैसे ही विकास वॉल्कर सिर्फ कोर्ट में ही 35 से 40 बार हाजिरी लगा चुके थे.
Shraddha Walker Murder Case: श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस को याद करके आज भी लोग सहम जाते हैं. इस मामले ने पूरे देश को दहला कर रख दिया था. अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने की खातिर विकास वॉल्कर इंसाफ की जंग लड़ रहे थे. वो अपना सबकुछ खो कर मुंबई से दिल्ली के चक्कर काट रहे थे. वो केवल कानून से इतना चाहते थे कि उनकी बेटी के अवशेष उन्हें मिल जाएं और वो उसका अंतिम संस्कार कर सकें. लेकिन उनकी ये ख्वाहिश महज आखिरी ख्वाहिश बनकर रह गई. और वो इसी टीस को लेकर दुनिया से विदा हो गए.
दरअसल, श्रद्धा वॉल्कर के पिता विकास वॉल्कर की रविवार को मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. वह अपनी पत्नी और परिवार के साथ मुबंई के वसई इलाके में रहा करते थे. पिछले काफी महीनों से वो मुंबई और दिल्ली के बीच भागदौड़ कर रहे थे. तमाम अदालतों के चक्कर लगा रहे थे. मगर उन्हें महज कुछ मिला तो वो थी सिर्फ तारीख पर तारीख.
श्रद्धा के पिता विकास वॉल्कर और भाई मुंबई से दिल्ली के न जाने कितने ही चक्कर काट चुके थे. जानकारी के मुताबिक, पिछले दो सालों से वैसे ही विकास वॉल्कर सिर्फ कोर्ट में ही 35 से 40 बार हाजिरी लगा चुके थे. इस दौरान वो परेशान तो होते ही थे साथ ही मुंबई से दिल्ली आने-जाने और रहने-खाने का खर्च अलग से होता था. लेकिन वो अपनी बेटी के लिए लगातार लड़ रहे थे.
दरअसल, श्रद्धा के कत्ल का खुलासा 12 नवंबर 2022 को उस वक्त हुआ था, जब दिल्ली के महरौली इलाके से उसका लिव इन पार्टनर आफताब पूनावाला पकड़ा गया था. आफताब की गिरफ्तारी के बाद ही पता चला था कि उसने श्रद्धा का क़त्ल 18 मई 2022 को ही कर दिया था. लेकिन इसके बावजूद श्रद्धा की लाश नहीं मिली थी, क्योंकि आफताब ने पहले श्रद्धा की लाश के टुकड़े किए थे और फिर उन टुकड़ों को महरौली में मौजूद अपने किराये के मकान में रखे फ्रिज में बंद कर दिया था.
इसके बाद अगले तीन महीनों तक वो किस्तों में उन टुकड़ों को फ्रिज से निकाल कर महरौली के जंगलों में फेंकता रहा. चूंकि वक्त बहुत ज्यादा बीत चुका था, लिहाजा पुलिस को लाश के नाम पर श्रद्धा की चंद हड्डियां ही मिली थी. डीएनए टेस्ट से ये साबित हो गया था कि हड्डियां श्रद्धा की ही हैं.
मीडिया की सुर्खियों के चलते श्रद्धा केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेज दिया गया था. एफआईआर दर्ज होने के 75 दिन बाद यानी 24 जनवरी 2023 को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट दाखिल होने के बाद लगभग 3 महीने फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चार्ज फ्रेम करने में ही लगा दिए. 9 मई 2023 को चार्ज फ्रेम हुआ. मगर चार्ज फ्रेम होने के बाद भी ट्रायल शुरू करने के लिए अदालत ने लगभग 1 महीना और ले लिया.

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