
तानाशाह हिटलर की मौत के बाद उसके खानदान का क्या हुआ? कैसे सबसे बड़ा सीक्रेट बन गया ये परिवार
AajTak
दुनिया को दूसरे विश्वयुद्ध की आग में झोंकने वाले क्रूर तानाशाह हिटलर की मौत के बाद उसके खानदान का क्या हुआ? जब हिटलर नाम से दुनिया नफरत करती थी तो उस खानदान से जुड़े लोगों ने कैसे अपनी रक्षा की. क्या आज कोई बचा हुआ है? क्या करते हैं उस खानदान से जुड़े लोग? कहां रहते हैं, क्या काम करते हैं? पढ़ें- दुनिया के इस सबसे ताकतवर तानाशाह के परिवार से जुड़े रहस्यों से पर्दा उठाती ये रिपोर्ट.
'विजेता से कभी नहीं पूछा जाता कि क्या उसने सच कहा था?...' अपनी पर्सनल लाइफ को हमेशा सीक्रेट रखने वाला दुनिया का सबसे क्रूर तानाशाह एडोल्फ हिटलर अक्सर कहा करता था. अपने प्रचार तंत्र और युद्धोन्माद के दम पर उसने कई देश तबाह कर दिए लेकिन उसकी मौत के कई दशक बाद भी हिटलर की जिंदगी के कई सीक्रेट्स के खुलासे पर दुनिया की नजर है. कई राज अब भी खुल रहे हैं तो वहीं हिटलर खानदान के फ्यूचर और उसके खात्मे को लेकर तमाम दावे भी किए जा रहे हैं.
आधुनिक विश्व इतिहास के सबसे क्रूर तानाशाह हिटलर के जुल्म और जंगी आदतों को दुनिया में भला कौन नहीं जानता. हिटलर जो दूसरे विश्व युद्ध का कारण बना और लाखों लोगों की मौतों की वजह भी. 1939 में दूसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत के पहले से ही हिटलर की सेनाएं यूरोप के देशों को लगातार जीतते जा रही थीं. युद्ध के ऐलान के बाद तो हिटलर की सेनाएं यूरोप पर टूट पड़ीं. फ्रांस को रौंद दिया गया, लंदन शहर तक जर्मन फाइटर प्लेन लगातार बम गिरा रहे थे.
कैसे हुआ था हिटलर का खात्मा? हिटलर की सेनाएं पोलैंड, नीदरलैंड, फ्रांस, ब्रिटेन के कई हिस्से जीतते जा रही थीं, यहां तक कि रूस में भी हिटलर की सेनाएं घुस गईं. लेकिन अमेरिका के वर्ल्ड वॉर में उतरने के बाद 1945 के शुरुआती महीनों में पावर बैलेंस बदला और हिटलर के लिए बुरी खबरें आने लगीं. ब्रिटेन और उसके सहयोगी देशों से जर्मन सेनाएं अचानक जंग हारने लगीं. रूस, ऑस्ट्रेलिया से लेकर फ्रांस-ब्रिटेन तक में लड़ रहीं जर्मन सेनाएं सरेंडर करने लगीं. यूरोपीय और रूसी सेनाएं जर्मनी में घुसती चली गईं. अपने दफ्तर के चारों ओर से घिरने के बाद और इटली के तानाशाह मुसोलिनी के खात्मे की खबर मिलने के बाद हिलटर समझ गया कि हार अब निश्चित है. 30 अप्रैल 1945 को हिटलर ने अपने दफ्तर के बंकर में अपनी पिस्टल का ट्रिगर दबाकर खुदकुशी कर ली.
ये खात्मा था दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाह का, ऐसे शख्स का जो एक विश्व युद्ध का कारण था और दुनिया भर को जंग में झोंक कर लाखों लोगों की मौत की वजह भी. जिसने हजारों यहूदियों की जान गैस चैंबर में डालकर ले ली. जिसने पड़ोसी देशों में साम्राज्य फैलाने के लिए कहर मचा कर रख दिया. लेकिन युद्ध हारता देख हिटलर ने जब अपने गुनाहों की सजा काटने से बचने के लिए गोलियों का सहारा लिया तो उस समय उसकी उम्र 56 साल थी.
हिटलर खानदान का सीक्रेट क्या है? इतिहास गवाह है कि किसी एक शख्स की करतूतों का खामियाजा केवल वही नहीं भुगतता बल्कि उससे जुड़े लोग भी भुगतते हैं. क्या आप जानते हैं कि इतने कुख्यात तानाशाह के खात्मे के बाद उसके खानदान का क्या हुआ? आखिर उसके खानदान में कोई बचा है क्या? अगर है तो कहां है?
अपने सियासी उभार के दौर में हिटलर ने खुद की कट्टर राष्ट्रभक्त वाली छवि गढ़ी. जिससे प्रभावित होकर लाखों जर्मन नौजवान नाजी सेनाओं का हिस्सा बने. जर्मनी के विकास की बड़ी योजनाओं और हथियारों के बड़े निर्माण प्रोग्राम के चलते जर्मन युवाओं के बीच उस दौर में हिटलर का जादू सिर चढ़कर बोलता था. हिटलर की राष्ट्रभक्ति की इस छवि में नो-फैमिली मैन वाली छवि गढ़ने पर खास ध्यान दिया गया. लेकिन इवा ब्राउन नाम की उसकी प्रेमिका की चर्चा उस दौर में भी खूब हुई. जिससे हिटलर ने अपनी मौत से एक दिन पहले यानी 29 अप्रैल 1945 को शादी की और अगले दिन दोनों ने एक साथ सुसाइड कर लिया.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






