तमिलनाडु की चुनावी जंग में AIADMK की हैट्रिक या खत्म होगा DMK का सत्ता का वनवास?
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तमिलनाडु विधानसभा चुनाव का प्रचार शोर थम गया है. AIADMK की कमान संभाल रहे पलानीस्वामी अपनी पार्टी को लगातार तीसरी बार सत्ता में लाने के जद्दोजहद करते नजर आए जबकि स्टालिन डीएमके की एक दशक बाद राज्य की सत्ता में वापसी के लिए बेताब नजर आए. ऐसे में देखना है कि तमिलनाडु में सत्ता परिवर्तन होगा या फिर एआईडीएमके के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार बनेगी.
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार यानि 6 अप्रैल को वोटिंग होनी है. राज्य की कुल 234 विधानसभा सीटों के लिए 3998 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला मंगलवार को यानी 6 अप्रैल हो होना है. सभी राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. AIADMK की कमान संभाल रहे पलानीस्वामी अपनी पार्टी को लगातार तीसरी बार सत्ता में लाने के जद्दोजहद करते नजर आए जबकि स्टालिन डीएमके की एक दशक बाद राज्य की सत्ता में वापसी के लिए बेताब नजर आए. ऐसे में देखना है कि तमिलनाडु में सत्ता परिवर्तन होगा या फिर एआईडीएमके के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार बनेगी. तमिलनाडु में दो से ज्यादा विकल्प तमिलनाडु के सियासी इतिहास में पहली बार करुणानिधी और जयललिता के बगैर चुनाव हो रहे हैं. राज्य की राजनीति अभी तक एआईएडीएमके और डीएमके के बीच ही सिमटी रही है, लेकिन इस बार युवा वोटरों की वजह से द्रविड़ राजनीति कुछ लचीली हुई है. राज्य के मतदाताओं के सामने दो से अधिक विकल्प होने के कारण इस बार लीक से हट कर मतदान हो सकता है. हालांकि, इस बार भी तमिलनाडु की चुनावी जंग डीएमके और एआईडीएमके के बीच ही मुख्य मुकाबला होता नजर आ रहा. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां तमिलनाडु की क्षेत्रीय पार्टियों के सहारे किस्मत आजमा रही हैं.More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.