
डैमेज कंट्रोल, गढ़ बचाने की जरूरत... मंडी से विक्रमादित्य को चुनावी मैदान में उतारने की Inside Story
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कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से विक्रमादित्य सिंह को लोकसभा उम्मीदवार बनाया है. प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने इस सीट से अपने बेटे के नाम का पहले ही ऐलान कर दिया था. मंडी से बीजेपी ने कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाया है. आइए जानते हैं कि मंडी से आखिर कांग्रेस विक्रमादित्य सिंह पर ही क्यों दांव लगा रही है?
लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश के मंडी सीट की खासा चर्चा है. बीजेपी ने कंगना रनौत की फील्डिंग करके इस सीट पर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. अब उनके सामने युवा उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को टिकट दी है. इसका ऐलान उनकी मां और पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने पहले ही कर दिया था.
हिमाचल प्रदेश के मंडी सीट का चुनावी इतिहास भी काफी दिलचस्प है. यह सीट कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी के खाते में जाती रही है, लेकिन जीत के लिहाज से कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है. हालांकि, बीजेपी अपनी बड़ी जीत के लिए चर्चित है और पार्टी के उम्मीदवार इस सीट पर जीत का इतिहास रच चुके हैं, जिसे अब तक कोई तोड़ नहीं पाया है. आइए इस रिपोर्ट में हम समझते हैं कि आखिर कांग्रेस विक्रमादित्य को ही मंडी से क्यों टिकट दी है?
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मंडी से विक्रमादित्य पर दांव क्यों?
दरअसल, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसका खुलासा हालिया राज्यसभा चुनाव में ही हो गया, जब पार्टी के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी और कांग्रेस राज्य की एकमात्र सीट पर हुआ राज्यसभा चुनाव हार गई. इसके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के भविष्य पर खतरा बन आया. इस मामले के बाद प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह की वफादारी पर भी सवाल खड़े हुए.
कहा जाता है कि दोनों मां-बेटे की नाराजगी विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर थी, जहां प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह अपने बेटे को हिमाचल के मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहती थीं. वह मंडी सीट से ही सांसद हैं, जहां अब वह यह सीट अपने बेटे को ट्रांसफर कर रही हैं.

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