
ट्रंप के कथित दखल से थमे सात युद्ध, क्या उन देशों के नेता भी मानते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल का हकदार?
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नोबेल पुरस्कार पाने की अपनी इच्छा डोनाल्ड ट्रंप छिपा ही नहीं पा रहे. वे बार-बार दावा कर रहे हैं कि फिलहाल दुनिया में वही सबसे बड़े शांतिदूत हैं. ट्रंप का कहना है कि उनकी वजह से सात बड़ी लड़ाइयां रुकीं, जो भड़कतीं तो शायद तीसरा वर्ल्ड वॉर हो जाता. इन्हीं युद्धों को रोकने का हवाला देते हुए वे नोबेल पुरस्कार मांग रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ वक्त पहले ये कहकर भारत को उकसा दिया था कि उनकी वजह से भारत और पाकिस्तान में जंग रुकी. ये ट्रंपियन क्लेम भारत तक ही सीमित नहीं, उनकी मानें तो दुनिया में इक्का-दुक्का नहीं, सात लड़ाइयां उनके कहने पर रुकीं. अब इसी शांति का हवाला देते हुए ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार पर अपना दावा जता रहे हैं. लेकिन वे कौन से देश हैं, जहां कथित तौर पर अमेरिकी लीडर की वजह से जंग थमी? क्या ये देश भी ट्रंप के दावे के समर्थन में हैं?
शनिवार को ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें बताया गया कि अगर व रूस और यूक्रेन जंग रोक दें तो उन्हें नोबेल मिलना चाहिए. लेकिन फिर बाकी लड़ाइयों का क्या! बकौल ट्रंप उन्होंने सात युद्ध रोके और हरेक के लिए उन्हें शांति पुरस्कार मिल सकता है.
ट्रंप ने खुद माना कि शुरुआत में उन्हें लगा था कि रूस-यूक्रेन लड़ाई रोकना ज्यादा आसान होगा क्योंकि पुतिन से उनके रिश्ते अच्छे हैं. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. हालांकि इससे उनकी जंग रोकने की क्षमता पर कोई सवाल नहीं उठता, और वे नोबेल के हकदार हैं.
किन देशों की लड़ाई रोकने का दावा
यूरोप और एशिया के बीच पहाड़ों पर बसे अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच लंबे समय से एक इलाके को लेकर तनाव चल रही है. पिछले महीने ट्रंप की पहल पर दोनों देशों के लीडरों ने शांति पर बात की और समझौते के लिए भी तैयार हो गए. इसके बाद दोनों ही देशों ने ट्रंप के लिए नोबेल की बात कही.
अफ्रीकी देशों डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और रवांडा में नब्बे के दशक से कम-ज्यादा होते हुए जंग चल रही थी. इसी साल जून में ट्रंप की मध्यस्थता के बाद दोनों की तरफ से दावा हुआ कि वे शांति की तरफ बढ़ रहे हैं. ट्रंप इसे भी अपनी उपलब्धि मानते हैं. हालांकि दोनों में तनाव फिर शुरू हो चुका.

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