जेडीयू ने हरिवंश को भी जारी किया व्हिप, क्या सभापति और उपसभापति भी व्हिप के दायरे में आते हैं? जानें नियम
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नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने दिल्ली अध्यादेश पर वोटिंग को लेकर अपने सभी राज्यसभा सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने और पार्टी लाइन का पालन करने के लिए कहा है. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को भी व्हिप जारी किया गया है. क्या उपसभापति व्हिप के दायरे में आते हैं?
दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर छिड़ा 'पावर वॉर' अब संसद की दहलीज पर है. दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी विपक्षी दलों के सहारे इस विधेयक को राज्यसभा में गिराने की उम्मीद पाले है तो वहीं सरकार भी इसे पारित कराने की पूरी तैयारी में है. इसे लेकर अब सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ही तरफ से व्हिप जारी करने का दांव भी चला जा रहा है.
सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेतृत्व कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने व्हिप जारी कर अपने सभी लोकसभा सदस्यों से 13 फरवरी तक सदन में मौजूद रहने को कहा है. दूसरी तरफ, विपक्षी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) के अहम घटक जनता दल यूनाइटेड ने भी अपने सभी राज्यसभा सांसदों को व्हिप जारी किया है.
जेडीयू ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश समेत उच्च सदन के अपने सभी सदस्यों से दिल्ली अध्यादेश पर वोटिंग के दौरान सदन में मौजूद रहने और पार्टी के स्टैंड का पालन करने के लिए कहा है. जेडीयू की ओर से व्हिप जारी किए जाने और हरिवंश को भी इसकी जद में लिए जाने को लेकर नई बहस शुरू हो गई है कि क्या सभापति और उपसभापति भी व्हिप के दायरे में आते हैं? इसे लेकर संसदीय परंपराएं और नियम क्या हैं?
क्या कहते हैं नियम?
संसदीय मामलों के जानकार वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि व्हिप के दायरे से केवल सभापति बाहर रहता है. आसन पर कोई भी व्हिप लागू नहीं होता क्योंकि जब कोई सांसद आसन पर होता है, तब वो किसी भी दल का नहीं होता. संसद की कार्यवाही से जुड़े नियम उपसभापति को व्हिप के दायरे से बाहर नहीं करते. हरिवंश अगर वोटिंग के दौरान आसन पर नहीं होते हैं तो वे जेडीयू के व्हिप को मानने के लिए नियमों के मुताबिक बाध्य होंगे.
व्हिप से कैसे बच सकते हैं हरिवंश?
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