जानिए क्या है 'नेट ज़ीरो', 'ग्लोबल नेट ज़ीरो' से किस तरह है अलग
AajTak
26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन जिसे COP26 (UNFCCC के दलों का सम्मेलन) भी कहा जाता है, वहां विश्व नेताओं ने 'नेट ज़ीरो'(Net Zero) और 'ग्लोबल नेट ज़ीरो'(Global Net Zero) के प्रति अपनी वचनबद्धता और प्रतिबद्धता के बारे में बात की.
जिन लोगों ने 'जलवायु परिवर्तन' को हाल ही में जाना है, उनके लिए 'नेट ज़ीरो' एक ऐसा शब्द है जो पर्यावरण जगत में काफी कॉमन हो गया है. 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन जिसे COP26 (UNFCCC के दलों का सम्मेलन) भी कहा जाता है, वहां विश्व नेताओं ने 'नेट ज़ीरो'(Net Zero) और 'ग्लोबल नेट ज़ीरो'(Global Net Zero) के प्रति अपनी वचनबद्धता और प्रतिबद्धता के बारे में बात की. जलवायु आंदोलन के कार्यकर्ताओं की तरफ से, 2030 या 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को नेट ज़ीरो करने की मांग की जा रही है. लेकिन, चीन और भारत जैसे कई विकासशील देशों ने देश के वादों को आगे बढ़ाते हुए, इस लक्ष्य को 2060 और 2070 तक पहुंचा दिया है.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.