
जानलेवा भगदड़: 21 साल में 15 बड़े हादसे, जिसमें 1300 से ज्यादा लोगों की चली गई जान
AajTak
India's Deadly Stampede: देश में आए दिन कहीं न कहीं भगदड़ की घटनाएं सामने आती रहती हैं, जिनमें कई मासूमों को अपनी जान गंवानी पड़ती है. आइए आपको पिछले 21 साल हुए भगदड़ के 15 दर्दनाक वाकये बताते हैं, जिनमें 1300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई.
आंध्र प्रदेश के तिरुपति में भगदड़ मचने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. यहां 'वैकुंठ द्वार दर्शन' के लिए सेंटर बनाकर टोकन बांटे जाने थे, लेकिन टोकन बंटने से पहले ही भारी भीड़ उमड़ पड़ी. अचानक भगदड़ की स्थिति बन गई और 6 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. ऐसे में हम आपको देश के अंदर पिछले 21 साल में हुई भगदड़ की ऐसी 15 घटनाओं के बारे में बता रहे हैं, जिनमें 1324 लोगों की मौत हो गई.
> 12 अगस्त 2024: बिहार के जहानाबाद जिले के मखदुमपुर इलाके में बाबा सिद्धनाथ मंदिर में भगदड़ मचने से सात लोगों की मौत हो गई. इस हादसे में 9 लोग घायल हो गए.
> 2 जुलाई 2024: उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक 'सत्संग' के दौरान हुई भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई. भगदड़ बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि 'भोले बाबा' के समागम में हुई थी.
> 31 मार्च 2023: इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन ‘बावड़ी’ के ऊपर बनी स्लैब के ढह जाने से 36 लोगों की मौत हो गई थी.
> 1 जनवरी 2022: जम्मू-कश्मीर में प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
> 14 जुलाई 2015: आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में 'पुष्करम' त्योहार के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ मचने से 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी. 20 लोग घायल भी हुए थे.

उत्तर भारत में घने कोहरे ने एक बार फिर हवाई यातायात की रफ्तार रोक दी है. दिल्ली समेत कई एयरपोर्ट्स पर बेहद कम दृश्यता के कारण इंडिगो एयरलाइन की कई उड़ानें प्रभावित हुई हैं. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ फ्लाइट्स रद्द की गईं, जबकि कई में देरी हुई है. एयरलाइन ने यात्रियों को फ्लाइट स्टेटस लगातार चेक करने की सलाह दी है.

1965 की भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद सरकार ने सेना की विजयी बढ़त को रोक दिया था. गुरु गोलवलकर सरकार के इस फैसले से बेहद दुखी हुए. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाने और उसकी कमर तोड़ने का इतना सुनहरा मौका गंवाना एक बड़ी भूल थी. पीएम शास्त्रीजी ने गोलवलकर की नाराजगी पर क्या कहा. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है वही कहानी.











