
'जयशंकर ने मुझे धमकी दी कि... तो बुरा अंजाम होगा', पूर्व नेपाली पीएम के आरोपों पर अब विदेश मंत्री दी ऐसी प्रतिक्रिया
AajTak
नेपाल ने साल 2015 में अपना संविधान लागू किया था. साल 2021 में संविधान दिवस के मौके पर पूर्व नेपाली पीएम के पी शर्मा ओली ने एस जयशंकर पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने संविधान में बदलाव को लेकर उन्हें और बाकी पार्टियों को चेतावनी दी थी.
19 सितंबर 2021 को उस वक्त भारत-नेपाल के रिश्तों में बड़ा तनाव आ गया था जब पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत रहे एस जयशंकर (विदेश मंत्री) पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने नेपाल के सातवें संविधान दिवस पर अपनी पार्टी (कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल) की स्टैंडिंग कमिटी के समक्ष कुछ राजनीतिक डॉक्यूमेंट्स पेश किए. डॉक्यूमेंट्स में लिखा था कि एस. जयशंकर ने संविधान में बिना बदलाव उसे लागू करने पर धमकी दी थी. अब जयशंकर ने इस आरोप पर खुलकर बात की है.
विदेश मंत्री ने इस आरोप पर हमारी सहयोगी वेबसाइट 'द लल्लनटॉप' के शो 'जमघट' पर ओली के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. जयशंकर से सवाल किया गया था, 'सितंबर 2021... के पी शर्मा पार्टी की स्टैंडिंग कमिटी को बोलते हैं कि जयशंकर ने मुझे और दूसरी पार्टियों को चेतावनी दी कि अगर इसी फॉर्मेट में संविधान लागू किया तो बुरा अंजाम होगा. क्या आपने उन्हें चेतावनी दी थी?'
जवाब में एस जयशंकर ने कहा, 'देखिए, राजनीति में लोग बहुत सी चीजें कहते हैं जब उससे उनका कुछ राजनीतिक फायदा होता है. हमारी नीति शुरू से ही ऐसी रही कि आप लोग साथ में बैठकर सहमति बनाएं... हिंसा बंद करें. राजनीति में लोग अपने फायदे के लिए चीजों को मिर्च-मसाले के साथ कह देते हैं, हो जाता है ऐसा...ठीक है.'
'अखबारों की आदत होती है कि....'
उन्हीं दिनों इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया कि 2015 में नेपाल जो संविधान लेकर आया है, भारत उसमें 7 बदलाव चाहता है. हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. लेकिन फिर 6 फरवरी 2016 को नेपाल ने सीमित स्तर पर अपने संविधान में वो बदलाव कर दिए जो कि भारत चाहता था.
जयशंकर ने हालांकि, इस बात को खारिज कर दिया कि भारत की तरफ से बढ़ते दबाव के कारण नेपाल ने अपने संविधान में बदलाव किया.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






