जन गण मन कैसे बना भारत का राष्ट्रगान, जानिए इससे जुड़ी खास बातें
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संविधान सभा ने जन गण मन को भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया.
नई दिल्ली: इस साल मुल्क अपनी आज़ादी की 75वीं सालगिरह मना हा है. फितरी तौर पर यौमे आज़ादी के मौके पर मुल्क भर में जश्न और खुशी की माहौल रहा है. इस साल मुल्क में 'यौमे आज़ादी' (Independence Day 2021) को 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तौर पर मनाया जा रहा है. इस मौके पर भारत का राष्ट्रगान जन गण जब भी सुनाई देता है और हर भारतीय सम्मान में खड़ा हो जाता है. तो आइए जानते हैं जन गण मन को भारत के राष्ट्रगान दर्जा क्यों और कैसे दिया गया. जन गण मन कैसे बना भारत का राष्ट्रगान जन गण मन को इसके अर्थ की वजह से राष्ट्रगान का दर्जा दिया गया. इसके कुछ अंशों का मतलब होता है कि भारत के शहरी, भारत की अवाम अपने मन से आपको भारत का भाग्य विधाता समझती है. हे अधिनायक (सुपरहीरो) तुम्ही भारत के भाग्य विधाता हो. इसके साथ ही इसमें देश के अलग- अलग रियासतों का जिक्र भी किया गया है और उनकी खूबियों के बारे में बताया गया है.विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के विजन को पेश किया. साथ ही कई मुद्दों पर खुलकर बात की. उन्होंने ईरान-इजरायल युद्ध पर भी बयान दिया और कहा कि इन दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष पर मोदी सरकार की पैनी नजर है. साथ ही उन्होंने मणिपुर में चल रहे संघर्ष पर भी विचार प्रकट किया.
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