
चुनाव से ठीक पहले 'खान ब्रदर्स' की गिरफ्तारी शहाबुद्दीन के बेटे की राह आसान करेगी या मनोज सिंह की?
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बिहार विधानसभा चुनाव से खान ब्रदर्स यानि रईस खान की गिरफ्तारी से सिवान की सियासत में हलचल पैदा कर दी है. खान ब्रदर्स उसी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर कर रहे थे, जहां से शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा और बीजेपी से मनोज सिंह चुनावी किस्मत आजमाने का दावा कर रहे हैं.
बिहार के सिवान इलाके में बाहुबली रहे शहाबुद्दीन के निधन के बाद 'खान ब्रदर्स' ने अपनी दबंगई के दम पर एक नया साम्राज्य खड़ा किया है. इसी ताकत के सहारे सियासत में एंट्री की, पहले जेडीयू और फिर एलजेपी का दामन थामा. अब बिहार के विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने के फिराक में जुटे 'खान ब्रदर्स' की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है.
एसटीएफ ने रविवार को 'खान ब्रदर्स' के नाम से मशहूर रईस खान को गिरफ्तार कर लिया है. एसटीएफ ने खान ब्रदर्स के ठिकाने पर छापेमारी करके एके-47 के कारतूस और कई आधुनिक हथियार बरामद किए हैं. रईस खान के साथ मुन्ना खान, अफताब और शाह आलम को भी गिरफ्तार किया गया है.
सवाल उठता है कि क्या खान ब्रदर्स की गिरफ्तारी शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब की चुनावी राह आसान करेगी या फिर बीजेपी नेता मनोज सिंह के लिए सियासी संजीवनी बनेगी.
सिवान के खान ब्रदर्स की गिरफ्तारी
डीआईजी नीलेश कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि ग्यासपुर गांव में आपराधिक तत्व इकट्ठा हो रहे हैं और हथियार भी जमा किए जा रहे हैं. इसके बाद एसटीएफ ने छापेमारी की. रईस खान पर पहले से ही 52 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं. छापेमारी में हथियार और अन्य सामग्री की बरामदगी हुई है. इसकी जांच की जा रही है. पूछताछ के बाद एक और ठिकाने पर छापेमारी की गई, जहां एके-47 के कारतूस और अन्य हथियार बरामद किए गए.
नीलेश कुमार ने बताया कि कुछ साल पहले एक पुलिसकर्मी की हत्या हुई थी. ऐसा लगता है कि यह हथियार पुलिस वालों का ही है. गिरफ्तार चारों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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