
चीन सबसे बड़ा खतरा, भारत के चारों तरफ फैला रहा सैन्य जाल... अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में PAK को लेकर भी बड़े दावे
AajTak
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अब चीन को अपना प्रमुख सामरिक प्रतिद्वंद्वी मानता है, जबकि पाकिस्तान को एक ऐसी समस्या के रूप में देखता है जिसे प्रबंधित किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की रक्षा प्राथमिकताएं वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करने, चीन का मुकाबला करने और सैन्य शक्ति में इजाफा करने पर केंद्रित हैं. रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने संभवतः बर्मा, पाकिस्तान, श्रीलंका समेत अन्य देशों में अपनी सैन्य सुविधाएं स्थापित करने पर भी विचार किया है.
अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में एक बार फिर चीन की विस्तारवादी नीति और भारत के लिए उसकी सामरिक चुनौती पर चिंता जताई गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा नीति वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करने, चीन का सामना करने और भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित रहेगी. भारत, चीन को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानता है. जबकि पाकिस्तान को एक सीमित सुरक्षा समस्या के रूप में देखता है जिसे नियंत्रण में रखा जा सकता है.
PLA के सैन्य अड्डों की योजना, भारत के लिए खतरे की घंटी
रिपोर्ट के अनुसार, चीन अपने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैन्य ठिकाने बर्मा (म्यांमार), पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देशों में स्थापित करने की योजना पर विचार कर रहा है. यदि ऐसा होता है तो यह भारत के लिए गंभीर सामरिक खतरा बन सकता है क्योंकि ये देश भारत की सीधी समुद्री और थल सीमाओं के निकट हैं.
यह 'स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत चीन हिंद महासागर में अपने प्रभाव को बढ़ाना चाहता है. अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रयास चीन की वैश्विक सैन्य मौजूदगी बढ़ाने की मंशा को दर्शाता है और इससे भारत की सुरक्षा स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार, मई 2024 के मध्य में भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच सीमा पार गोलीबारी और हमलों के बावजूद भारत की रणनीतिक सोच में चीन को प्राथमिक खतरे के रूप में देखा जा रहा है.
भारत, चीन के प्रभाव को संतुलित करने और वैश्विक नेतृत्व भूमिका को मजबूत करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा साझेदारियों को प्राथमिकता दे रहा है, जिसके अंतर्गत सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण, हथियार बिक्री और सूचनाओं का आदान-प्रदान शामिल है. भारत ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में त्रिपक्षीय सहभागिता भी बढ़ाई है और 'क्वाड', ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) और ASEAN जैसे बहुपक्षीय मंचों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के गुरुवार को भारत दौरे को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच आजतक ने रूस में ही राष्ट्रपति पुतिन का एक्स्क्लूसिव इंटरव्यू लिया. इस दौरान उनसे अगस्त-सितंबर में चीन के तियानजिन में हुए 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान उस वायरल तस्वीर के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार में जाते हुए नजर आए थे. क्या था वो पूरा वाकया, जानने के लिए देखें वीडियो.

बांग्लादेश की आर्मी से रिटायर होने के बाद ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का मुख्य काम भारत विरोध बन गया है. इस जनरल का मानना है कि भारत बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देता है. पाकिस्तान की 'ब्लीड इंडिया विद थाउजैंड कट्स' जैसी दूषित नीति से प्रभावित ये जनरल कहता है कि बांग्लादेश में तब तक शांति नहीं आ सकती, जबतक भारत के टुकड़े-टुकड़े न हो जाए.









