
चीन-ताइवान ही नहीं नैंसी पेलोसी के बयान से सिंगापुर में भी टकराव, सरकार को जारी करनी पड़ी वार्निंग
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सिंगापुर में अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी के बयान ने बवाल मचा दिया है. उनकी तरफ से LGBT समुदाय के पक्ष में एक बयान दिया गया है जिससे सिंगापुर सरकार नाराज हो गई है.
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी जब से एशिया दौरे पर आई हैं, विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले तो उनके ताइवान आने मात्र से चीन भड़क गया, अब सिंगापुर में उनके एक बयान ने वहां की सरकार को चिंता में डाल दिया है. असल में नैंसी पेलोसी ने सिंगापुर के बिजनेस कंपनियों को सुझाव दिया था कि उन्हें LGBT समुदाय का समर्थन करना चाहिए, उनके हितों की रक्षा करनी चाहिए.
अब इस समय सिंगापुर में LGBT समुदाय को लेकर असहजता जारी है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि सेक्शन 377-A वहां पर अभी भी हटाया नहीं गया है. पुरुषों के बीच बनने वाले संबंधों को भी आपराधिक माना जाता है. ऐसी स्थिति में जब नैंसी पेलोसी ने LGBT समुदाय की बात कर दी, सिंगापुर सरकार चिंता में आ गई. सिंगापुर सरकार ने जारी बयान में कहा है कि LGBT से जुड़े तमाम मुद्दों पर सिंगापुर को ही बहस करने का अधिकार है. सभी से बातचीत कर किसी सहमति पर आया जाएगा. सरकार ने अपने बयान में ये भी कहा है कि कंपनियां अपने स्तर पर कुछ भी कर सकती हैं, लेकिन किसी भी ऐसे मुद्दे को समर्थन नहीं देना चाहिए जो देश के लिए सामाजिक रूप से विभाजनकारी साबित हो.
वैसे सिंगापुर विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के लिए भी एक नसीहत दी है. जोर देकर कहा गया है कि कुछ मामलों में विदेशी हस्ताक्षेप स्वीकार नहीं किया जा सकता है. यहां ये जानना जरूरी हो जाता है कि सिंगापुर में लंबे समय से सेक्शन 377 A को लेकर विवाद चल रहा है. इस साल फरवरी महीने में ही उस याचिका को खारिज कर दिया गया था जिसने 377 A को चुनौती दी थी. इस पूरे विवाद पर सरकार का सिर्फ इतना कहना है कि वो अभी भी बातचीत के जरिए किसी हल पर निकलने का प्रयास कर रही है.
वैसे सिंगापुर में तो स्थिति अभी सिर्फ बहस तक सीमित है, लेकिन ताइवान में हुए पेलोसी दौरे ने चीन को आग बबूला कर दिया है. हालात ऐसे हैं कि कई सालों बाद फिर चीन की तरफ से ताइवान के आसपास मिसाइलें दागी जा रही हैं, लड़ाकू विमान उसके एयर जोन में भेजे जा रहे हैं.

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