
चरित्र पर शक, घरेलू विवाद और दिनदहाड़े कत्ल... बेंगलुरु में बेटी के सामने बीवी को उतारा मौत के घाट
AajTak
बेंगलुरु में एक कैब ड्राइवर ने अपनी पत्नी को सबके सामने चाकुओं से गोद डाला. इस वारदात की सबसे दर्दनाक गवाह बनी महिला की 13 साल की बेटी, जिसने अपनी मां को बचाने की कोशिश की थी. तीन महीने पहले हुई शादी का अंत इतना खौफनाक होगा, किसी ने सपने में नहीं सोचा होगा.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में सोमवार सुबह हुई कत्ल की एक खौफनाक वारदात ने दिल दहला दिया है. यहां सुंकदकट्टे बस अड्डे पर 32 वर्षीय रेखा अपनी 13 वर्षीय बेटी के साथ खड़ी थी. उसी वक्त उसका पति लोहिताश्व (43) वहां पहुंचा और दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया. इसी बीच पति ने अपनी जेब से चाकू निकाला और सबके सामने पत्नी के सीने और पेट पर कई वार कर दिए.
इस जानलेवा हमले में रेखा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. उसकी मासूम बेटी अपनी मां को बचाने की हर संभव कोशिश करती रही, लेकिन हैवान बन चुके सौतेले पिता ने उसे धक्का देकर नीचे गिरा दिया. वारदात को अंजाम देने के बाद चला गया. रेखा और लोहिताश्व की शादी को महज तीन महीने हुए थे. ये दोनों की दूसरी शादी थी. रेखा कॉल सेंटर में नौकरी करती थी, जबकि पति कैब ड्राइवर है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रेखा और लोहिताश्व की मुलाकात एक दोस्त के जरिए हुई थी. करीब डेढ़ साल तक प्रेम प्रसंग चलने के बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया. लेकिन यह रिश्ता शुरुआत से ही तूफानों में घिर गया. शादी के बाद से ही पति-पत्नी के बीच विवाद बढ़ते गए. रेखा की बड़ी बेटी उनके साथ ही रहती थी, जबकि छोटी बेटी रेखा के माता-पिता के पास पली-बढ़ रही थी.
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि लोहिताश्व को पत्नी पर शक था कि उसके अन्य पुरुषों से संबंध हैं. यही शक धीरे-धीरे अविश्वास और झगड़े का कारण बन गया. वारदात वाले दिन भी पति-पत्नी के बीच तीखी बहस हुई थी. बहस से तंग आकर रेखा अपनी बड़ी बेटी को लेकर घर से निकल गई और बस स्टैंड पर पहुंची. तभी आरोपी वहां आ धमका. दोनों के बीच दोबारा झगड़ा हो गया.
इसी बीच बेटी बीच-बचाव करने की कोशिश करने लगी, तो गुस्से से भरे लोहिताश्व ने चाकू निकालकर पत्नी पर ताबड़तोड़ वार कर डाले. मौके पर मौजूद लोग जब बीच में आने लगे, तो उसने चाकू लहराकर उन्हें भी डराया और वहां से भाग खड़ा हुआ. रेखा खून से लथपथ जमीन पर गिर पड़ी और कुछ ही पलों में उसकी मौत हो गई. पूरे खौफनाक मंजर को उसकी बेटी ने अपनी आंखों से देखा.
इस वारदात के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई. कुछ ही देर बाद लोहिताश्व खुद कामाक्षीपाल्या पुलिस स्टेशन पहुंचा और सरेंडर कर दिया. उसने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया. पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल पुलिस इस सनसनीखेज घटना की गहराई से जांच कर रही है. हत्या की असली वजह तलाश रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







