
डिजिटल रिकॉर्ड तय करेगा- अमेरिका में एंट्री मिले या नहीं, क्यों मामूली पोस्ट भी पड़ सकती है भारी?
AajTak
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन मास डिपोर्टेशन के लिए अभियान चलाए हुए है. घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजा जा रहा है. आवाजाही पर कई लेयर की पाबंदी लग चुकी. अब एक नया नियम आ रहा है. रेपुटेशन बॉर्डर के तहत सिर्फ ट्रैवल हिस्ट्री या आपराधिक रिकॉर्ड नहीं देखा जाएगा, बल्कि पड़ताल कहीं आगे तक जाएगी.
अमेरिका फर्स्ट की गूंज के बीच ये कहा गया कि गरीब और आतंकी गतिविधियों वाले देशों के लोग अमेरिका में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. एक-एक करके कई फिल्टर लग रहे हैं ताकि यूएस में विदेशियों का आना कम हो सके, या आएं भी तो छंटे हुए लोग. अब एक नई बात सुनाई दे रही है-रेपुटेशन बॉर्डर. एक नई तरह की ग्लोबल सीमा बनाई जा रही है, जो भौगोलिक नहीं, बल्कि रुतबे पर आधारित होगी.
इसके तहत विदेशी वीजा लेने वालों को पांच साल का सोशल मीडिया रिकॉर्ड देना होगा. डिजिटल फुटप्रिंट से तय होगा कि आप कहां जा सकते हैं, कहां नहीं.
किस तरह की होगी जांच
नियम के तहत देखा जाएगा कि आने की इच्छा रखने वाला शख्स ऑनलाइन जिंदगी में कैसा है, वे किस तरह की राजनीतिक सोच रखते हैं, कैसा मजाक करते हैं और किस तरह की जगहों पर आमतौर पर जाते रहे. पहले यात्रा की अनुमति दस्तावेज और इंटरव्यू से तय होती थी, अब यह डिजिटल फुटप्रिंट्स पर निर्भर करेगी.
इस प्रपोजल को हाल ही में फेडरल रजिस्टर में छापा गया. यह पहला मौका है जब किसी देश ने किसी की ऑनलाइन पर्सनेलिटी को ही इमिग्रेशन क्रेडेंशियल मान लिया. 9/11 हमले के बाद से अमेरिका ने इसकी जांच शुरू की थी, लेकिन अब यही चीज सबसे ऊपर रहेगी.
अमेरिकी नियम के तहत सभी वीजा आवेदकों के सोशल मीडिया यूजरनेम लिए जाएंगे. इसमें सारे प्लेटफॉर्म शामिल हैं. चेक किया जाएगा कि किसी संकट के समय आपके कमेंट क्या थे, या चुनाव के दौरान ट्वीट्स क्या थे. आवेदकों को पिछले पांच साल में इस्तेमाल किए गए पुराने ईमेल और फोन नंबर भी बताने होंगे.

गोवा फायर केस के आरोपी लूथरा ब्रदर्स अब एक बड़े कॉर्पोरेट घोटाले के शक के घेरे में हैं. दस्तावेजों की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि दोनों भाई कुल 42 कंपनियों और LLPs से जुड़े हुए हैं. इनमें से अधिकतर कंपनियां एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं. ये पैटर्न शेल कंपनियों और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) की संभावनाओं की ओर इशारा करता है.

दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में मामूली विवाद के बाद एक युवक की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोपियों ने 6 दिसंबर की रात विकास मावी की हत्या कर उसके शव को कार में लेकर घूमते रहे और बाद में फरीदाबाद के जंगल में फेंक दिया. पुलिस ने विशाल राय, प्रवीण और केशव बिधूड़ी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक आरोपी फरार है.











