ग्रेटर नोएडा: ऑक्सीजन, इंजेक्शन के बाद अब प्लाज्मा की कालाबाजारी करते दो गिरफ्तार
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इनमें एक आरोपी अनिल, नोएडा का रहने वाला है, जबकि दूसरा आरोपी रोहित बुलंदशहर का रहने वाला है. इन लोगों द्वारा अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों को प्लाज्मा बेचा जाता था, ये लोग एक यूनिट प्लाज्मा की कीमत 35,000 से लेकर पचास हजार रुपये तक वसूलते थे.
कोरोना कॉल मे ऑक्सीजन और इंजेक्शन की कालाबाजारी के बाद अब प्लाज्मा की भी कालाबाजारी हो रही है. प्लाज्मा जैसी चीज को भी 40-40 हजार रुपये में बेचा जा रहा है. ऐसे दो लोगों को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने अभी तक कई लोगों से मोटे पैसे वसूलकर प्लाज्मा बेचा है. ये मामला ग्रेटर नोएडा के beta-2 थाना क्षेत्र का है. क्राइम ब्रांच की टीम और थाना बीटा-2 द्वारा संयुक्त रूप से कोविड-19 जैसी महामारी मे प्लाज्मा की कालाबाजारी करने वाले अनिल शर्मा और रोहित राठी को गिरफ्तार किया है.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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