ग्रेटर नोएडाः मकान की रजिस्ट्री के बाद भी बिल्डर को देने होंगे 1-1.5 लाख रुपये, जानें क्या है वजह?
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किसानों की ओर से अतिरिक्त मुआवजे की मांग की गई थी. किसानों का कहना था कि उनकी जमीन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के नाम पर ली गई और बाद में हाउसिंग स्कीम के तहत बिल्डर्स को दी गई. इसलिए उन्हें मुआवजा दिया जाए. इसके बाद ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डर्स को मुआवजे की रकम जमा कराने को कहा है.
दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा के किसानों के लिए खुशखबरी और फ्लैट खरीदारों के लिए ये बुरी खबर है. अगर आप बिल्डर को फ्लैट की पूरी रकम देकर रजिस्ट्री भी करा चुके हैं, उसके बाद भी आपको एक बार फिर से बिल्डर को एक-डेढ़ लाख से ज्यादा रुपये देने पड़ सकते हैं. ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डर को यह अतिरक्त रकम जमा कराने के आदेश जारी किए हैं. किसान अतिरिक्त मुआवजे की मांग कर रहे हैं, इसलिए अथॉरिटी ने ये आदेश जारी किए हैं. साथ ही अथॉरिटी ने इंडस्ट्रियल एरिया के लिए भी इसी तरह के आदेश जारी किए हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.