
गाजा में इजरायली सेना का कहर जारी, हवाई हमले में मारे गए 16 फिलिस्तीनी, एक पूरे परिवार की मौत
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गाजा में इजरायली सेना का कहर जारी है. ताजा हवाई हमले में सेंट्रल गाजा के अलग-अलग इलाकों में 16 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इससे पहले रविवार सुबह डेयर एल-बलाह में शरणार्थी शिविर पर हुए हमले में बच्चों सहित एक परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई.
लेबनान में हिज्बुल्लाह के साथ चल रहे सीजयफायर के बीच गाजा में इजरायली सेना का कहर जारी है. ताजा हवाई हमले में सेंट्रल गाजा के अलग-अलग इलाकों में 16 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इससे पहले रविवार सुबह डेयर एल-बलाह में शरणार्थी शिविर पर हुए हमले में बच्चों सहित एक परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई. हमले के वक्त पूरा परिवार सो रहा था. इसी बीच गाजा में भी सीजफायर की मांग जोर पकड़ने लगी है. एक प्रत्यक्षदर्शी महमूद फयाद ने कहा, "आधी रात को हम एक जोरदार विस्फोट की आवाज सुनकर जग गए. हम तेज चीखों की आवाज सुनकर दौड़े. हमने देखा कि कई लोग मारे गए हैं. एक तो पूरा ही परिवार ही खत्म हो गया, जिसमें पति, पत्नी और उनके बच्चे मारे गए." अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों में दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
इसी तरह ब्यूरिज कैंप पर इजरायली हवाई हमले में कम से कम 9 लोग मारे गए हैं. इनमें 6 बच्चे और एक महिला की मौत हो गई. इस हमले में घायल हुए लोगों को अल अक्सा अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. अल-अक्सा अस्पताल के प्रवक्ता के मुताबिक, रविवार को ही एक अन्य हमलें 5 लोग मारे गए. मरने वालों में चार लोग एक ही परिवार से थे. इजरायली सेना ने नुसीरत शरणार्थी शिविर के एक तंबू को निशाना बनाया था.
गाज़ा में इज़रायली सेना के हमले लगातार जारी हैं. मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़कर 45 हज़ार 600 के पार हो चुका है. पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने हमला किया था, जिसमें 1200 इज़रायली और दूसरे देश के लोग मारे गए थे. 250 लोग बंधक बनाए गए थे, जिनमें से अब भी 100 बंधक हमास की कैद में हैं. उनकी रिहाई और सीजफायर की मांग लगातार की जा रही है. हालांकि, इसके आसार बहुत कम ही नजर आ रहे हैं.
बताते चलें कि लेबनान में जब सीजफायर की घोषणा हुई थी, उसके बाद विस्थापित लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी. लोग खुशी से नाचते गाते नजर आए थे. महीनों बमबारी की जद में डर-डर कर रहने के बाद लोगों के चेहरों पर तब खुशी आई, जब अमेरिका और फ्रांस की मध्यस्ता के बाद इजरायल और लेबनान की ओर से सीजफायर के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया था. हालांकि, तेल अवीव में विस्थापित लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था.

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