
गहलोत का 'चुनावी बजट' राजस्थान में कांग्रेस की वापसी कराएगा?: दिन भर, 10 फरवरी
AajTak
चुनावी साल में अशोक गहलोत ने राजस्थान के बजट में क्या लोकलुभावन वादे किए, Global Investors Summit से यूपी को कितना फ़ायदा हुआ, जम्मू कश्मीर में कैसे भारत की लॉटरी लग गई है और क्रिकेट की दुनिया में नागपुर टेस्ट और विमेंस टी-20 वर्ल्ड कप पर बातचीत, सुनिए आज के 'दिन भर' में कुलदीप मिश्र से.
राजस्थान, एरिया के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य. इस साल यहां विधानसभा चुनाव होने हैं. और जब चुनाव हो तो बजट बहुत ही ज़्यादा इंपोर्टेंट हो जाता है. आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सूबे का बजट पेश किया, मगर राजस्थान विधानसभा में ऐसा पहली बार हुआ कि बजट भाषण के दौरान सदन को स्थगित करना पड़ गया. हुआ ये कि सीएम 8 मिनट तक जो बजट पढ़ते रहे वो पुराना निकला. वो तो भला हो कांग्रेस के चीफ़ व्हिप महेश जोशी का जिन्होंने गहलोत को हौले से टोका. जब तक सीएम गहलोत को एहसास हुआ कि ये तो एकदम ब्लंडर हो गया तब तक विपक्ष बांहें चढ़ा चुका था. हंगामा थामने के लिए सदन की कार्यवाही को कुछ देर रोकना पड़ा. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस लापरवाही पर अशोक गहलोत को घेर लिया. उसके बाद अशोक गहलोत भी 'सॉरी' कहते दिखे और इसे ह्यूमन एरर करार दिया.
जैसे तैसे हंगामा शांत हुआ तो मुख्यमंत्री ने दोबारा बजट भाषण शुरू किया और इस बार सब शांतिपूर्वक संपन्न हुआ. तो चुनावी साल में गहलोत के पिटारे से क्या क्या निकला है, नए ज़िले बनाने की जो चर्चा थी, उसको लेकर क्या घोषणाएं हुईं और सचिन पायलट के प्रभाव वाले इलाक़ों को क्या मिला, सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यूपी सरकार के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आगाज हो गया है. 10 से 12 फरवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम का फीता काटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कार्यक्रम में शिरकत की. योगी सरकार की तरफ से आयोजित किए गए इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 16 देशों की 304 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. समिट को सफल बनाने और निवेशकों का ध्यान खींचने के लिए योगी सरकार के कई मंत्रियों ने करीब तीन महीने तक कई देशों का दौरा किया, कई जगहों पर परेड और रोड शो वगैरह भी किए. तो इस समिट में देश के कौन कौन से बड़े उद्योगपति शामिल हुए और कहाँ कितना निवेश करने का ऐलान हुआ. साथ ही फॉरेन इन्वेस्टमेंट को लेकर क्या बड़ी घोषणाएं हुईं और पिछले कुछेक सालों में जो वायदे हुए थे इन्वेस्टमेंट के, उनमें से कितने धरातल पर उतरे, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में.
आज इंडिया की लॉटरी लग गई. ये कहने की वजह बड़ी पुख्ता है. जम्मू कश्मीर की धरती में लिथियम का इतना बड़ा भंडार जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को मिला है जितना दुनिया के कम ही देशों के पास है. कम क्या सिर्फ चिले के पास है जो इस मामले में नंबर वन देश है. अब तक की जानकारी ये है कि रियासी नाम की जगह पर करीब 60 लाख टन के भंडार मिले हैं, और ये 2021 में कर्नाटक में पाए गए लिथियम भंडार से बहुत ज़्यादा है. वहां बस 1600 टन मिला था.
लिथियम को व्हाइट गोल्ड भी कहा जाता है क्योंकि आज कैमरा, मोबाइल, लैपटॉप, ब्लूटूथ, खिलौनों से लेकर बहुत सारी चीज़ों में लिथियम आयन बैटरी का ही इस्तेमाल होता है. यहां तक कि इलैक्ट्रिक व्हीकल्स में भी. तो पूरी दुनिया में इसके यूज़ का नतीजा ये है कि हर देश लिथियम का खरीदार है. भारत खुद चौथा सबसे बड़ा इंपोर्टर है. माना जाता है कि यूक्रेन में लिथियम के सबसे बड़े रिज़र्व हैं और रूसी हमले के पीछे कई कारणों में एक ये भी है कि वो इन रिज़र्व्स पर कब्ज़ा चाहता है. बड़े बड़े देशों को आज लिथियम के लिए साउथ अमेरिका के देशों का मुंह जोहना पड़ता है पर अब उम्मीद बंधी है कि भारत इस मामले में क्रांति कर देगा. तो मॉनिटरी तौर पर कितना फायदा फ्यूचर में होनेवाला है? ये भंडार जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया खोजता कैसे है और क्या लिथियम के अलावा भी कुछ मिला है, सुनिए 'दिन भर' की तीसरी ख़बर में.

इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार कैंसिल हो रही हैं और सरकार इसकी सख्ती से जांच कर रही है. यात्रियों की समस्या बढ़ने पर सरकार ने इंडिगो के अधिकारियों को तलब किया है और एयरफेयर पर प्राइस कैपिंग लगाई गई है. 500 किलोमीटर तक किराया साढ़े 7 हजार रुपए जबकि लंबी दूरी के लिए अधिकतम अठारह हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं. यात्रियों को रिफंड न मिल पाने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं. देखें विशेष.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के बड़े ऑपरेशनल संकट के बीच सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि इस मामले में ऐसी कड़ी कार्रवाई होगी जो पूरे एविएशन सेक्टर के लिए मिसाल बनेगी. नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो पर जवाबदेही तय करने की बात कही और पूछा कि 3 दिसंबर से ही इतनी भारी अव्यवस्था क्यों शुरू हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.










