क्या है Dark Web? जिसकी अंधेरी दुनिया में उलझकर रह गई दिल्ली के 150 स्कूलों को मिले धमकी वाले ईमेल की जांच
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Delhi School Bomb Threat: दिल्ली-NCR के 150 स्कूलों को बम से उड़ाने की मिली धमकी की जांच मुश्किल हो गई है. दरअसल, इन ईमेल के IP ऐड्रेस को जब ट्रेस किया गया, तो उसकी लोकेशन रूस की मिली. हालांकि, प्रॉक्सी सर्वर के इस्तेमाल की पुलिस को आशंका है. पुलिस का कहना है कि इन ईमेल के तार डार्क वेब से जुड़े हो सकते हैं. इन्हें भेजने में विदेशी सर्वर और डार्क वेब का इस्तेमाल हुआ होगा. इस कारण इन्हें ट्रैक करना आसान नहीं.
दिल्ली-NCR के 150 स्कूलों में बुधवार को हड़कंप मचा रहा. स्कूलों में अफरा-तफरी की वजह उन्हें बम से उड़ाने की धमकी वाला ईमेल था. दरअसल, दिल्ली-NCR के कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी. ये धमकी ईमेल के जरिए दी गई थी. पुलिस ने जब इसकी जांच की तो भेजे गए ईमेल का IP ऐड्रेस रूस का निकला.
पुलिस का कहना है कि ईमेल भेजने में विदेश में एस्टेब्लिश सर्वर और डार्क वेब का इस्तेमाल किया हो सकता है. डार्क वेब की वजह से पुलिस के लिए ईमेल भेजने वाले को खोज पाना मुश्किल हो जाता है.
पहले भी कई स्कूलों को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी दी गई है, और ज्यादातर मामलों में ईमेल भेजने वालों का पता नहीं चलता. आइए जानते हैं कि डार्क वेब में ऐसा क्या है, जो यहां सब कुछ खो जाता है.
डार्क वेब कुछ अलग नहीं है, ये भी इंटरनेट का ही हिस्सा है, लेकिन इस तक पहुंचना थोड़ा मुश्किल होता है. ये इंटरनेट की दुनिया का वो काला हिस्सा है, जहां अवैध और वैध हर तरह के काम होते हैं. यहां तक आपका सर्च इंजन आसानी से नहीं पहुंच सकता है. इसके लिए स्पेशल ब्राउजर का इस्तेमाल किया जाता है.
इंटरनेट की दुनिया तीन हिस्सों में बटी हुई है. हम जिस हिस्से का इस्तेमाल अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कर रहे हैं, इसे सरफेस या सेफ इंटरनेट कहते हैं. ये इंटरनेट की पूरी दुनिया का महज 4 परसेंट हिस्सा ही होता है. इसके बाद 96 परसेंट हिस्सा डीप वेब और डार्क वेब होता है.
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