क्या सिद्धारमैया के 2 साल के कार्यकाल के बाद बनेंगे मुख्यमंत्री?, डीके शिवकुमार ने दिया ये जवाब
AajTak
कर्नाटक में सरकार गठन का फॉर्मूला तय हो गया. कर्नाटक से दिल्ली तक 5 दिन चले मंथन और ताबड़तोड़ बैठकों के दौर के बाद सीएम के नाम पर मुहर लग गई. सिद्धारमैया ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री होंगे. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम बनाए गए हैं.
कांग्रेस ने गुरुवार को ऐलान कर दिया कि सिद्धारमैया ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री होंगे. वहीं, राज्य में सिर्फ एक डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार होंगे. इस ऐलान के बाद डीके शिवकुमार ने इंडिया टुडे से खास बातचीत की. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या 2-3 साल के फॉर्मूले के तहत सिद्धारमैया के 2 साल के कार्यकाल के बाद वे मुख्यमंत्री बनेंगे. इस पर शिवकुमार ने कहा, हमारे बीच हुई इस गोपनीय बातचीत का मैं खुलासा नहीं कर सकता.
डीके शिवकुमार ने कहा, हमारे बीच में जो गोपनीय बातचीत हुई, उसका मैं खुलासा नहीं करना चाहता. उन्होंने कहा, इसे कांग्रेस अध्यक्ष के लिए छोड़ देना चाहिए. जब समय आएगा, कांग्रेस अध्यक्ष इस पर जवाब देंगे. इस पर जब उनसे पूछा गया कि क्या कुछ समय बाद नेतृत्व को लेकर दोबारा चर्चा होगी? इस पर शिवकुमार ने एक बार फिर कहा, मैं इस पर कोई खुलासा नहीं करना चाहता. अभी शासन चलाना ज्यादा जरूरी है.
क्या पहली कैबिनेट मीटिंग में पूरी होगा 5 गारंटी का वादा?
जब डीके शिवकुमार से पूछा गया कि कांग्रेस ने चुनाव से पहले जो 5 गारंटी दी हैं, उन्हें पहली कैबिनेट बैठक में पूरा किया जाएगा? इस पर डीके ने कहा, पहली कैबिनेट मीटिंग में हम इन्हें लागू करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. पहले हम मैकेनिज्म बनाएंगे कि इन्हें कैसे लागू किया जाए. इन्हें लागू करने के लिए सिस्टम बनाया जाएगा. ऐसा नहीं हो सकता कि एक महिला बस में जाए और कहे कि मैं महिला हूं, मुझसे टिकट न लीजिए. इसके लिए हमें पहले सिस्टम बनाना होगा. हमें पहचान करनी होगी कि वह कौन है?
उन्होंने कहा, मैं सिर्फ उदाहरण दे रहा हूं. इसी तरह कौन सी महिला 2000 रुपये चाहती है? ये तय करना होगा. हमने कहा है कि सभी महिलाओं को देंगे. लेकिन कुछ महिलाएं नहीं चाहती. हम सबको नहीं दे सकते. ऐसे में हमें उनकी पहचान करनी होगी. हमें महिलाओं के अकाउंट नंबर लेने होंगे. इसके लिए सिस्टम बनाया जाएगा. वे कहां से हैं, कौन हैं, इनकी जांच करनी होगी. इसके बाद ये योजनाएं शुरू हो पाएंगी. लेकिन हमने जो वादे किए हैं, उन्हें हम पूरा करेंगे. ये हमारी गारंटी है.
एमबी पाटिल और परमेश्वर की नाराजगी पर क्या बोले शिवकुमार?
Exit Poll: ममता और बसपा का एकला चलो, BRS का सफाया... 5 सियासी फैक्टर जो मोदी की हैट्रिक की सीढ़ी बने
एग्जिट पोल में तीसरी बार मोदी सरकार के अनुमान जताए गए हैं. इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में एनडीए को 361 से 401 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. पांच पॉइंट में समझिए वो सियासी फैक्टर जो एग्जिट पोल में पीएम मोदी की हैट्रिक की सीढ़ी बनते दिख रहे हैं.
दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है. राहुल गांधी कांग्रेस के मुख्यालय पहुंच चुके हैं और नीतीश कुमार पटना से दिल्ली आ रहे हैं. एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए हैं, इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने 295 सीटों का अपना एग्जिट पोल दिया था. राहुल गांधी और नीतीश कुमार द्वारा दिल्ली में अपनी उपस्थिति और सियासी हलचल ने राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ा दिया है.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि बिहार में महागठबंधन 25 से ज्यादा सीटें हासिल करेगा. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने बेरोजगारी, भुखमरी, गरीबी, महंगाई से आजादी के लिए वोट किया है. उन्होंने यह भी कहा कि जनता का जनसैलाब तेजस्वी यादव के लिए प्यार दिखा रहा था. विरोधी दो दिन तक खुशफहमी में जी लें.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को लेकर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. राहुल गांधी ने एग्जिट पोल को प्रधानमंत्री मोदी का पोल बता दिया और उसे पूरी तरह से नकार दिया. राहुल गांधी ने दावा किया कि 'इंडिया गठबंधन' को 295 सीटें मिल रही हैं. सिद्धू मूसेवाला का गाने 295 जितनी हमारी सीटें आएंगी.
बैठक में खड़गे पार्टी उम्मीदवारों को 4 जून को काउंटिंग के दौरान एहतियात बरतने को लेकर दिशा निर्देश देंगे. मीटिंग में अध्यक्ष खड़गे के अलावा राहुल गांधी, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल भी मौजूद हैं. कांग्रेस ने यह बैठक ऐसे समय पर बुलाई है जब एक दिन पहले ही अंतिम दौर का मतदान पूरा होने के बाद एग्जिट पोल्स के नतीजे आए हैं.
देश में 543 लोकसभा सीटें हैं. इंडिया टुडे और एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, इस बार NDA को 361 से 401 सीटें मिल सकती हैं. जबकि INDIA ब्लॉक को 131 से 166 सीटें मिलने की उम्मीद है. पांच राज्य ऐसे हैं, जहां अनुमानों में बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है. इनमें आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल का नाम शामिल है.