क्या विपक्षी एकता में आ गई दरार? केसीआर ने कांग्रेस को घेरा, बोले- कर्नाटक जीतने से क्या होगा
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कांग्रेस ने कर्नाटक का रण जीत लिया है. अब 20 मई को सिद्धारमैया यहां सीएम पद की शपथ लेंगे और नई सरकार गठित हो जाएगी. इस शपथ ग्रहण समारोह में कई राजनीतिक पार्टी के नेताओं को बुलाया गया है. हालांकि केसीआर को इस समारोह का आमंत्रण नहीं मिला है. दूसरी और उन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर तंज भी कसा है.
कर्नाटक का रण जीत चुकी कांग्रेस अब राज्य में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी में जुटी है. इसके लिए देशभर में कई नेताओं को आमंत्रण भेजा गया है, हालांकि ये निमंत्रण कई लोगों को नहीं भी भेजा गया है. इनमें तेलंगाना के सीएम केसीआर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं. केसीआर को निमंत्रण न भेजे जाने को लेकर राजनीतिक टकराव की बातें सामने आने लगी हैं और साथ ही विपक्षी एकता वाली जिस दीवार को बीजेपी के विजय रथ के सामने खड़ा करने की योजना थी, उसमें भी दरार दिखाई दे रही है. खबर है कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर तेलंगाना सीएम केसीआर ने तंज कसा है.
केसीआर ने कसा तंज तेलंगाना सीएम केसीआर ने कहा कि 'हाल ही में आपने कर्नाटक चुनाव देखा है, बीजेपी सरकार हार गई और कांग्रेस सरकार जीत गई. कोई जीत गया, कोई हार गया. लेकिन क्या बदलेगा? क्या कोई बदलाव होगा? नहीं, कुछ बदलने वाला नहीं है. पिछले 75 सालों से कहानी दोहराती रहती है, लेकिन उनमें कोई बदलाव नहीं है.' उन्होंने कांग्रेस को लेकर ये तंज किया है और अब वह इशारे में कह रहे हैं कि कर्नाटक में कुछ भी बदलने वाला नहीं है.
विपक्षी एकता में दरार केसीआर का ये तंज, ऐसे समय में सामने आया है, जब लोकसभा चुनाव को महज एक साल बचे हैं और विपक्षी राजनीतिक दल, बीजेपी के खिलाफ एक साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में जुटे हैं. इन सभी का एक लक्ष्य ये है कि बीजेपी को हराना है. ऐसी ही बात केसीआर अपने हाल ही में किए गए कई राजनीतिक दौरे में कह चुके हैं. बीते दिनों बिहार सीएम नीतीश कुमार ने भी बीजेपी को हराने के लिए एकजुट होने की बात कही थी, वहीं राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद, कांग्रेस विपक्षी एकता से जुड़े इस अभियान में और तेजी से जुट गई है.
बार-बार दरक रही है विपक्षी एकता ये भी बड़ी बात है कि विपक्षी एकता और थर्ड फ्रंट बनाने के लेकर कई तरह के दावे तो होते हैं, लेकिन इनका अगुआ कौन होगा, इस सवाल पर कोई सटीक उत्तर नहीं सामने आता है. एनसीपी चीफ शरद पवार ने भी बीते दिनों कई फैसलों में विपक्ष से अलग राय रखकर सभी को चौंका दिया था.
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तेलंगाना में केसीआर-कांग्रेस में सीधा मुकाबला अब केसीआर, लगातार कांग्रेस के सामने प्रमुख टक्कर देने वालों के तौर पर उभर रहे हैं. तेलंगाना में इस साल चुनाव होने वाले हैं, जहां कांग्रेस से केसीआर की पार्टी का सीधा मुकाबला है. साल 2018 चुनाव में भी कांग्रेस दूसरे नंबर की पार्टी थी. तब केसीआर को 47.4 प्रतिशत वोट के साथ 88 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस 28.7% वोट के साथ 19 सीटों पर काबिज हुआ थी. ऐसे में कांग्रेस केसीआर को भी मुख्य विपक्षी के तौर पर ही देखती है. इतना ही नहीं केसीआर ने हाल ही में महाराष्ट्र में अपनी पार्टी के विस्तार का ऐलान किया है. अगर केसीआर अपनी कोशिशों में सफल होते हैं, तो कांग्रेस को राज्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है.
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