
क्या कोई देश दुश्मन पर अचानक हमला कर सकता है, या इसके भी हैं कुछ प्रोटोकॉल, क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
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पहलगाम हमले के बाद भारत के ताबड़तोड़ एक्शन से पाकिस्तान बुरी तरह बौखलाया हुआ है. सबसे ज्यादा परेशानी उसे सिंधु जल समझौता रद्द होने पर हुई. यहां तक कि इस बात को उसने हमारी तरफ से युद्ध का एलान मान लिया. और भड़काऊ बयान देने लगा. लेकिन क्या कोई देश, दुश्मन पर सरप्राइज अटैक कर सकता है? क्या अचानक छिड़ी लगती लड़ाई वाकई अचानक होती है?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमलों के बाद से भारत, पाकिस्तान के खिलाफ डिप्लोमेटिक से लेकर इकनॉमिक कार्रवाई कर रहा है. सरकार ने हाल में सिंधु जल समझौता भी रद्द कर दिया, जो कि पाकिस्तानी खेती की लाइफलाइन है. इस्लामाबाद कुड़कुड़ाते हुए आरोप लगा रहा और यहां तक कि युद्ध की धमकियां दे रहा है. लेकिन चाहे भारत हो, पाकिस्तान हो, या फिर कोई भी और देश, कोई भी दुश्मन देश पर आनन-फानन हमला नहीं कर सकता.
सरप्राइज अटैक दिखते युद्ध भी लंबी तैयारियों के बाद सामने आते हैं. जैसा पर्ल हार्बर मामले में हुआ था.
7 दिसंबर 1941 की सुबह, जब हवाई द्वीप पर अमेरिकी सैनिक रुटीन कामों में जुटे हुए थे. तभी अचानक आसमान में जापानी फाइटर प्लेन दिखने लगे. आन की आन में अमेरिका की सबसे बड़ी नौसैनिक छावनी तबाह हो गई. इसके बाद अमेरिका ने जो किया, वो तो खैर अलग किस्सा है. जापान के इस अटैक, जिसे पर्ल हार्बर हमला भी कहते हैं, को सरप्राइज अटैक कहा जाता रहा. लेकिन ऐसा है नहीं. इसके पीछे महीनों की गुप्त और बारीक रणनीति छिपी थी.
साल 1941 की शुरुआत में ही जापान को लगने लगा था कि अमेरिका उसकी बढ़ती ताकत के सामने दीवार बन सकता है. जापान एशिया में लगातार फैल रहा था. उसे रोकने के लिए अमेरिका आर्थिक पाबंदियां लगाने लगा. इससे जापान को बड़ा झटका लगा.
खुफिया रखी गई थीं तैयारियां
इसी माहौल में जापान के मशहूर एडमिरल इसोरोकू यामामोटो ने एक गुप्त योजना तैयार की, जिसका नाम था, ऑपरेशन जेड. वो यूएस को तगड़ा झटका देने की तैयारियों में लग गया. लंबी ट्रेनिंग हुई, जिसमें पर्ल हार्बर का नक्शा बनाकर रिहर्सल भी की गई. इस दौरान जापान ने अपने जहाजों और विमानों को पूरी तरह रेडियो साइलेंस में रखा ताकि यूएस को कुछ पता न लग सके.

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