
क्या अमेरिका के बिना कोई देश सर्वाइव नहीं कर सकता? उन देशों की कहानी जो US से कोई रिश्ता नहीं रखते
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ईरान उन देशों में सबसे ऊपर है, जिसके अमेरिका के साथ लंबे समय से तनावपूर्ण रिश्ते हैं. इस्लामिक क्रांति के बाद दोनों देशों के बीच कड़वाहट काफी बढ़ गई. अमेरिका ने ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई. इसके बावजूद ईरान ने अपने तेल, गैस और घरेलू तकनीकी विकास पर फोकस किया.
अमेरिका लगातार भारत समेत दुनिया के तमाम देशों को टैरिफ की धमकियां दे रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ देशों पर भारी-भरकम टैरिफ भी लगाए हैं. ट्रंप ने भारत के साथ ट्रेड पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, क्योंकि भारत, रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत कच्चा तेल खरीदकर उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंचे दामों पर बेचता है और मुनाफा कमाता है.
ट्रंप को भारत का तीखा जवाब
भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगाने वाली ट्रंप की धमकी पर सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि देशहित में हर संभव कदम उठाए जाएंगे. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत को रूस से ऑयल इंपोर्ट शुरू करने के लिए बाध्य होना पड़ा, क्योंकि यूक्रेन संघर्ष के बाद सप्लायर्स ने अपनी आपूर्ति यूरोप की तरफ मोड़ दी थी. उस समय अमेरिका ने खुद भारत के इस कदम का स्वागत किया था.
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विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह इंपोर्ट भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ती और स्थिर ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है. ये कोई विकल्प नहीं, बल्कि वैश्विक बाज़ार की मजबूरी है. उन्होंने कहा कि हैरानी की बात ये है कि जो देश भारत की आलोचना कर रहे हैं, वह खुद भी रूस से व्यापार कर रहे हैं, जबकि उनके लिए यह कोई अनिवार्यता नहीं है. लेकिन वाकई में क्या दुनिया का कोई देश अमेरिका से बगैर कारोबार करे अपनी अर्थव्यवस्था को चला सकता है? ऐसे कौन से देश हैं जो बगैर अमेरिकी मदद के सर्वाइव कर रहे हैं?
अमेरिका से दूर, आत्मनिर्भर देश

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

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पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

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