
कौन थे वो VIP मेहमान जिनको मिलती थी 'स्पेशल सर्विस'...अंकिता भंडारी केस में हो गई सजा लेकिन अब भी अनसुलझी ये पहेली
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रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी पर रिजॉर्ट में आने वाले VIP मेहमानों को 'स्पेशल सर्विस' देने का दबाव बनाया जाता था. इसकी पुष्टि WhatsApp चैट से हुई थी. मैसेज में अंकिता ने अपने दोस्त को लिखा था, 'मैं गरीब हो सकती हूं, लेकिन 10 हजार रुपये के लिए खुद को बेचूंगी नहीं...'. ऐसे में जब आरोपियों को सजा मिल चुकी है तब भी यह सवाल अधूरा है कि रिजॉर्ट में आखिर किस VIP को स्पेशल सर्विस दी जाती थी.
उत्तरखंड की अंकिता भंडारी. 19 साल की उम्र में जिसकी हत्या कर दी गई. पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर विधानसभा इलाके के एक प्राइवेट रिजॉर्ट में अंकिता रिसेप्शनिस्ट थी. अंकिता भंडारी की हत्या में पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया था. आज कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने इन तीनों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. लेकिन अब भी कुछ सवाल अनसुलझे हैं.
चैट से हुए थे कई खुलासे
अंकिता के मर्डर केस की परतें उधेड़ने का काम उसके दोस्त पुष्प दीप के WhatsApp से हुआ था. चैट में यह बात बात सामने आई थी कि रिजॉर्ट मालिक और हत्या में शामिल पुलकित आर्य की गंदी नजर रिसेप्शनिस्ट अंकिता पर पहले से ही थी. उसने अंकिता को अपने बराबर वाले रूम में शिफ्ट करवा लिया था. उत्तराखंड में दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री रहे विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित का घर हरिद्वार में था. लेकिन वह रिजॉर्ट में रहा करता था. अंकिता को उसने बतौर रिसेप्शनिस्ट रिजॉर्ट में नौकरी पर रखा था. अंकिता के अलावा वहां कोई महिला कर्मचारी नहीं थी. यही नहीं, गेस्ट भी बहुत ही कम आते थे. रूम खाली पड़े होते थे. रिजॉर्ट सिर्फ कभी कभार पार्टियों के लिए बुक किया जाता था. जब अंकिता पूछती थी कि यहां कोई फीमेल स्टाफ क्यों नहीं है? तो उसे जवाब मिलता था कि एक लड़की को चोरी करने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया था.फिर लॉकडाउन लग गया था. अब धीरे-धीरे नया स्टाफ रखा जा रहा है.
VIP मेहमानों को 'स्पेशल सर्विस'
रिसेप्शनिस्ट अंकिता पर रिजॉर्ट में आने वाले VIP मेहमानों को 'स्पेशल सर्विस' देने का दबाव बनाया जा रहा था. इसकी पुष्टि WhatsApp चैट से हुई थी. मैसेज में अंकिता ने अपने दोस्त को लिखा था, ''मैं गरीब हो सकती हूं, लेकिन 10 हजार रुपये के लिए खुद को बेचूंगी नहीं...". घटना के कुछ दिनों की छानबीन के बाद उत्तराखंड के तत्कालीन डीजीपी अशोक कुमार भी अपने बयान में अंकिता पर गलत काम के लिए दबाव की बात कह चुके हैं. ऐसे में अब जब आरोपियों को सजा मिल चुकी है तब भी यह सवाल अधूरा है कि रिजॉर्ट में आखिर किस VIP मेहमानों को स्पेशल सर्विस दी जाती थी.
अंकिता के करीब आने की कोशिश

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