कौन चाहता है BSP की एंट्री, कौन नहीं... मायावती को लेकर इतने ऊहापोह में क्यों है INDIA गठबंधन?
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इंडिया गठबंधन की दिल्ली में हुई बैठक में मायावती और बहुजन समाज पार्टी को लेकर भी चर्चा हुई थी. कौन इंडिया गठबंधन में बसपा की एंट्री चाहता है और कौन नहीं चाहता, इसकी वजहें क्या हैं? मायावती को लेकर इंडिया गठबंधन इतने ऊहापोह में क्यों है?
एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) कुछ ही महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गया है. वहीं, विपक्षी इंडिया गठबंधन अभी सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर मंथन में ही जुटा हुआ है. इंडिया गठबंधन में कुछ दलों को लेकर भी ऊहापोह की स्थिति है. आम आदमी पार्टी को लेकर अटकलें तेज हैं तो वहीं बात मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को लेकर भी हो रही है.
दरअसल, इंडिया गठबंधन की दिल्ली में हुई बैठक में अखिलेश यादव ने बसपा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस की बातचीत पर तल्ख सवाल पूछे थे. अखिलेश ने बसपा की एंट्री पर इंडिया गठबंधन से सपा के बाहर निकलने तक की बात कह दी थी. राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के जयंत चौधरी ने भी दो टूक कह दिया था कि बसपा को गठबंधन में लिया गया तो हम बाहर निकल जाएंगे. दूसरी तरफ, कांग्रेस की ओर से यह कहा गया कि बसपा से गठबंधन को लेकर कोई गंभीर बातचीत नहीं की गई है.
अब सवाल ये भी उठ रहे हैं कि मायावती को लेकर इंडिया गठबंधन में इतनी ऊहापोह क्यों है? एक तरफ विपक्षी पार्टियां हर जगह एकजुट होकर बीजेपी और एनडीए के खिलाफ एक सीट पर एक उम्मीदवार उतारने की बात कर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के एक बड़े दल बसपा के गठबंधन में आने पर सपा-आरएलडी जैसी पार्टियां इंडिया गठबंधन छोड़ने की धमकी क्यों दे रही हैं? सवाल ये भी उठ रहे हैं कि कांग्रेस, बसपा को गठबंधन में लेने के पक्ष में क्यों है? इन सबको समझने के लिए आंकड़ों की चर्चा जरूरी है.
कांग्रेस क्यों चाहती है बसपा को साथ लाना
मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने कई मौकों पर ये कहा है कि वह किसी गठबंधन में शामिल हुए बगैर लोकसभा के चुनाव में अकेले उतरेगी. हालांकि, मायावती ने विपक्षी दलों की पटना बैठक से पहले यह भी कहा था कि विपक्ष में चल रही हलचलों पर हमारी नजर है. यूपी कांग्रेस के नेता भी यह कहते रहे हैं कि मायावती के लिए इंडिया गठबंधन के दरवाजे हमेशा खुले हैं. हाल के दिनों में कांग्रेस और बसपा के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत की खबरें भी आईं. सपा और आरएलडी ने इंडिया गठबंधन की दिल्ली में हुई बैठक में इस तरह की कोशिशों पर नाराजगी जाहिर करते हुए गठबंधन छोड़ने की धमकी दे दी तो दूसरी तरफ सवाल ये भी उठ रहे हैं कि कांग्रेस आखिर बसपा को गठबंधन में लाने के पक्ष में क्यों है?
इसकी दो मुख्य वजहें बताई जा रही हैं. एक वजह ये है कि मायावती की पार्टी इंडिया गठबंधन में आई तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी और एनडीए के खिलाफ एक सीट पर एक उम्मीदवार की परिकल्पना साकार हो सकती है. दूसरी वजह है दलित वोट. उत्तर प्रदेश में मायावती की पार्टी दलित वोट का प्रतिनिधित्व करती है. सूबे में दलित आबादी करीब 21 फीसदी है और मायावती की पार्टी का प्रदर्शन सीटों के लिहाज से भले ही हाल के चुनाव में बेहतर नहीं रहा लेकिन बसपा का वोट शेयर 20 फीसदी के आसपास बना रहा है.
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