कोरोना: 300 वैज्ञानिकों का PM मोदी को पत्र, 'नए वैरिएंट्स पर समय रहते अध्ययन जरूरी'
AajTak
पत्र के जरिए पीएम मोदी से अपील की गई है कि देश के वैज्ञानिकों को तमाम तरह का डेटा अध्ययन करने की अनुमित मिले जिससे वायरस को और करीब से समझा जा सके और समय रहते कुछ जरूरी कदम उठा लिए जाएं.
देश में कोरोना के हालात हर बीतते दिन के साथ खराब होते जा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से हालात इतने विस्फोटक हो गए हैं कि साढ़े तीन लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं. अब सिर्फ मामलों में बढ़ोतरी नहीं देखी जा रही है, बल्कि कई राज्यों में वायरस के खतरनाक वैरिएंट भी देखने को मिले हैं. फिर चाहे वो डबल म्यूटेंट हों या फिर बंगाल का ट्रिपल म्यूटेंट. स्थिति की गंभीरता को समझते हुए देश के 300 वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. 300 वैज्ञानिकों का PM मोदी को पत्रनवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.