कोरोना से अब तक जान गंवा चुके हैं 300 से ज्यादा पत्रकार, दूसरी लहर ने बरपाया ज्यादा कहर
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कोरोना की पहली और दूसरी लहर में ग्राउंड पर जाकर रिपोर्टिंग कर रहे रिपोर्टरों और लगातार ऑफिस जा रहे पत्रकारों को न तो फ्रंट लाइन वर्कर माना गया और न ही उनको वैक्सीन में प्राथमिकता मिली. परिणाम ये हुआ कि कई नामी गिरामी पत्रकारों सहित अलग-अलग राज्यों में 300 से ज्यादा मीडियाकर्मी कोरोना की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं.
कोरोना वायरस के कहर से पिछले साल बड़ी संख्या में फ्रंट लाइन वर्कर जैसे डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिसकर्मियों को जान गंवानी पड़ी. यही वजह रही कि देश में जब वैक्सीन लगनी शुरू हुई तो सबसे पहले इन्हें ही प्राथमिकता दी गई. इसका अच्छा असर भी हुआ. कोरोना की दूसरी लहर में जान गंवाने वालों में इन फ्रंटलाइन वर्कर्स की संख्या अपेक्षाकृत कम रही. हालांकि मीडियाकर्मी इतने भाग्यशाली नहीं रहे. The number of journalists who have died from Covid in India has now up to 276.@NWM_India is trying to keep track: https://t.co/tYI0q71ycZ https://t.co/EGyuxclorq कोरोना की पहली और दूसरी लहर में ग्राउंड पर जाकर रिपोर्टिंग कर रहे रिपोर्टरों और लगातार ऑफिस जा रहे पत्रकारों को न तो फ्रंट लाइन वर्कर माना गया और न ही उनको वैक्सीन में प्राथमिकता मिली. परिणाम ये हुआ कि कई नामी गिरामी पत्रकारों सहित अलग-अलग राज्यों में 300 से ज्यादा मीडियाकर्मी कोरोना की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. इसे त्रासदी ही कहेंगे कि अप्रैल के महीने में हर रोज औसतन तीन पत्रकारों ने कोरोना के चलते दम तोड़ा. मई में यह औसत बढ़कर हर रोज चार का हो गया.लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.
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