
'कोरोना प्राकृतिक नहीं, ये जैविक युद्ध की साजिश थी,' श्री श्री रविशंकर का बयान
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आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने सोमवार को कहा कि कोरोनावायरस नाम की महामारी कुछ देशों की जैविक युद्ध के लिए साजिश है. उन्होंने आगे कहा- हमने महसूस किया कि हर्बल और आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. NAOQ19 कोरोनावायरस को ठीक करने के लिए दवा के तौर पर काम कर रहा है. इसका 14 अस्पतालों में परीक्षण किया गया है.
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने सोमवार को कोरोनावायरस को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस प्राकृतिक नहीं है. बल्कि ये महामारी जैविक युद्ध के लिए कुछ देशों की साजिश है. उन्होंने कहा कि यह सही साबित हुआ है, क्योंकि अब बड़े देश भी कह रहे हैं कि कोरोनावायरस के खिलाफ टीके ज्यादा मददगार साबित नहीं हो रहे हैं.
आध्यात्मिक गुरु सोमवार को महाराष्ट्र के अकोला में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा- पूरी दुनिया कोरोनावायरस से लड़ रही थी. लोगों को दो साल तक घर के अंदर रहना पड़ा. मैंने उस समय कहा था कि यह बीमारी प्राकृतिक नहीं है. मैंने कहा था कि यह कुछ देशों और लोगों की साजिश है. उन्होंने कहा- यह जैविक युद्ध है.
वैक्सीन उतनी असरदार नहीं, जितनी होनी चाहिए: श्री श्री रविशंकर
रविशंकर ने आगे कहा कि उनके शिष्यों ने भी उन्हें ऐसा ना कहने की सलाह दी क्योंकि इससे विवाद पैदा होगा. अब (जो मैं कह रहा था) सिद्ध हो गया. कोविड-19 की वैक्सीन बनाने वाले बड़े देश भी कह रहे हैं कि वैक्सीन उतनी असरदार नहीं है, जितनी होनी चाहिए थी. यह इंफेक्शन के स्प्रेड को नहीं रोक पा रही है.
'हर्बल और आयुर्वेदिक दवाओं का करना चाहिए इस्तेमाल'
रविशंकर ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि हर्बल और आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. NAOQ19 तैयार किया गया और 14 अस्पतालों में इसका परीक्षण किया गया. NAOQ19 कोरोनावायरस को ठीक करने के लिए दवा के तौर पर काम कर रहा है. NAOQ19 को विदेशों के कई बड़े विश्वविद्यालयों में भेजा गया और लोगों को एहसास हुआ कि यह दवा कोरोनावायरस को रोकने में सफल होगी. यह सेलुलर परीक्षण के बाद साबित हुआ है. हमें अपने देश के योग और आयुर्वेद पर भरोसा रखना चाहिए.

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