कोरोना के साथ Black Fungus ने बढ़ाई चिंता, जा रही है मरीजों की आंखों की रोशनी
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ब्लैक फंगस बीमारी में आंख, गाल और नाक के नीचे लाल हो जाता है. शरीर में दर्द, बुखार, खांसी, सिर दर्द, सांस लेने में दिक्कत, खून की उल्टी, मानसिक स्वास्थ्य पर असर, देखने में दिक्कत, दांतों में दर्द, सीने में दर्द इस बीमारी के लक्षण हैं.
देश भर में जहां एक तरफ अभी कोरोना संकट बीता नहीं है वहीं दूसरी तरफ एक और नई मुसीबत देखने को मिल रही है. कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद लोगों में ब्लैक फंगस बीमारी पाई गयी है. कोरोना से तुरंत ठीक होने वाले मरीजों में इस बीमारी को लेकर काफी खतरा बताया जा रहा है. इसको लेकर आईसीएमआर ने एक एडवाइजरी भी जारी कर दी है. केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR ने एक एडवाइजरी की है जिसमें नए संकट के बारे में बताया गया है. ये संकट है म्यूकरमायोसिस का जिसे ब्लैक फंगस इंफेक्शन भी कहते हैं. एडवाइजरी में कहा गया है कि जिन लोगों की डाइबिटीज अनियंत्रित है और जो कोविड मरीज ज्यादा दिन तक आईसीयू में रहे हैं, अगर सही समय पर इलाज ना किया जाए तो उनके लिए ब्लैक फंगस जानलेवा हो सकता है.देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.