कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे बन सकते हैं शिकार? जानें कबतक आएगी वैक्सीन
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कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को शिकार बना सकती है. अब देश के सामने बड़ी चुनौती यही है कि संक्रमण के बड़े खतरे से बच्चों को कैसे बचाया जाए और कैसे समय रहते सभी तैयारी कर ली जाए.
कोरोना की दूसरी लहर से ही देश में हाहाकार मचा है और इसी बीच तीसरी लहर की बात ने सबको डरा दिया है, लेकिन बात डरने की नहीं है, अलर्ट रहने की है, खुद को तैयार करने की है, क्योंकि दूसरी लहर पर जैसी बेफिक्री थी, वो बेफिक्री हम तीसरी लहर में नहीं दिखा सकते. तीसरी लहर में खतरा सीधे बच्चों पर है. तीसरी लहर में बच्चे संक्रमण का शिकार बन सकते हैं. 2020 की पहली लहर में अधिकतर 50 साल से ऊपर के लोग और सीनियर सिटीजंस संक्रमण का शिकार हुए थे, तो 2021 की दूसरी लहर में 31 से 50 साल की एज ग्रुप के लोगों को ज़्यादा निशाना बनाया, इसलिए अब तीसरी लहर में बच्चों को लेकर बहुत चिंता है. तीसरी लहर में 6 से 12 साल के बच्चों को ज़्यादा खतरा बताया गया.छत्तीसगढ़ में एक बीजेपी समर्थक ने पार्टी के चुनाव जीतने पर अपनी ऊंगली काटर मंदिर में देवी मां की चरणों में अर्पित कर दिया. दरअसल दुर्गेश पांडे नाम का यह शख्स रुझानों में कांग्रेस उम्मीदवार को आगे देखकर डिप्रेशन में चला गया और उसने मंदिर में बीजेपी की जीत की मन्नत मांगी, फाइल रिजल्ट आने के बाद मन्नत पूरी होने पर दुर्गेश ने मंदिर में अपनी उंगली काट ली और उसे प्रतिमा पर चढ़ा दिया.
इससे पहले शुक्रवार को नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इस दौरान राष्ट्रपति ने मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए मनोनित किया. वह रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं. मोदी की अगुवाई में एनडीए ने 543 लोकसभा सीटों में से 293 सीटें जीती हैं.
याचिका के मुताबिक कोर्ट में अर्जी दाखिल करने वालों के संज्ञान में पेपर लीक के कई मामले आए थे. उम्मीदवारों का तर्क है कि नीट का कथित पेपर लीक संविधान के अनुच्छेद 14 में वर्णित समानता के अधिकार का उल्लंघन है, क्योंकि इस हरकत ने कुछ उम्मीदवारों जिन्होंने निष्पक्ष तरीके से परीक्षा देने का विकल्प चुना था, उनके मुकाबले दूसरों को अनुचित लाभ मिला.