कोरोना की तीसरी लहर में कहां से लाएंगे मैनपावर? SC ने केंद्र से पूछे ये अहम सवाल
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दिल्ली के ऑक्सीजन संकट पर सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई हुई. कोर्ट ने केंद्र सरकार को दो टूक कहा था कि उसे दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन रोज देने का इंतजाम करना होगा. इस दौरान कोर्ट ने केंद्र से कई सवाल पूछे.
दिल्ली के ऑक्सीजन संकट पर सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई हुई. कोर्ट ने केंद्र सरकार को दो टूक कहा था कि उसे दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन रोज देने का इंतजाम करना होगा. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की दलीलें ये थीं कि दिल्ली को रोज़ाना 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ज़रूरत नहीं. जानिए आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से क्या सवाल पूछे- ऑक्सीजन ऑडिट को देखने की जरूरत जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता से कहा कि जब आपने फॉर्मूला बनाया कि हर व्यक्ति को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होती, हर किसी को आईसीयू या वेंटीलेटर की आवश्यकता नहीं होती, ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें घर पर रहने के लिए और घर पर आइसोलेट होने के लिए कहा गया है, हमें जो करना है, वह यह है कि हम इसे पूरे भारत पर देखें, हमें ऑक्सीजन ऑडिट को देखने की जरूरत है.देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.