
केजरीवाल का मिडिल क्लास मेनिफेस्टो दिल्ली चुनाव में क्या AAP का मास्टर स्ट्रोक है?
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अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी की मर्म पर चोट किया है. देश का मिडिल क्लास आज भारतीय जनता पार्टी का कोर वोट बैंक बन चुका है. पर कई सालों से इस वर्ग को सरकार से कोई राहत नहीं मिल रही है. जाहिर है कि केजरीवाल की इस डिमांड से उनकी दुखती रग पर चोट होगी.
आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को 'मिडिल क्लास' के अधिकारों को मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में चौथी बार हमारी सरकार बनी तो हम मिडिल क्लास को टैक्स से राहत देने का काम करेंगे. उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि मिडिल क्लास को केवल एटीएम बना दिया गया है. उनके कहने का मतलब था कि उनसे सरकार केवल वसूलती है और सुविधाओं के नाम पर उनके लिए कुछ नहीं है. इस तरह अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े समर्थक मध्य वर्ग का दिल जीतने का फॉर्मूला तैयार किया है.अरविंद केजरीवाल बीजेपी के बेस को तोड़ने की कोशिश में हैं. वह जानते हैं कि अगर मिडिल क्लास आम आदमी पार्टी के साथ आ गया तो बीजेपी को कमजोर करना आसान हो जाएगा. केजरीवाल कहते हैं कि मिडिल क्लास को हमारे देश में सबसे ज्यादा परेशान किया जाता है. मिडिल क्लास वालों की 50 प्रतिशत से ज्यादा आमदनी टैक्स देने में चली जाती है.
मध्यवर्ग के लिए केजरीवाल की हमदर्दी
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सें दिल्ली की जनता के लिए जिन सात मांगों को सामने रखा है वो सामाजिक और आर्थिक और राजनीतिक तीनों ही दृष्टिकोणों से बहुत मायने रखते हैं. मध्यवर्ग किसी भी समाज का रीढ़ होता है. इस वर्ग के कमजोर होने का मतलब होता है कि उस समाज का इतिहास- भूगोल -संस्कृति-सभ्यता सबका पतन होना. कोई भी देश तभी महान बनता है जब वहां का मध्य वर्ग मजबूत होता है. राजनीति को लेकर जब मध्यवर्ग उदासीन होता है तो यह और भी खतरनाक होता है. अरविंद केजरीवाल केंद्र से जिन 7 मांगों की गुजारिश करते हैं वह बहुत पहले सी ही इस वर्ग की डिमांड रहीं हैं.
केंद्र से अरविंद केजरीवाल की मांगें-
1. शिक्षा का बजट दो परसेंट से बढ़ाकर 10% किया जाए. प्राइवेट स्कूल पर लगाम लगाई जाए. उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी और स्कॉलरशिप दी जाए.
2. हेल्थ का बजट भी 10% किया जाए. हेल्थ इंश्योरेंस से टैक्स हटाया जाए.

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