
किस रेस्तरां ने पहली बार बनाया बटर चिकन और दाल मखनी? दो होटलों में जंग, दिल्ली HC में केस
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देश के सबसे मशहूर खाने के व्यंजनों में शामिल बटर चिकन और दाल मखनी को लेकर कानूनी बहस छिड़ी हुई है. मामला इतना आगे बढ़ गया है कि यह अब हाईकोर्ट में पहुंच गया है. प्रसिद्ध व्यंजनों की यह कानूनी लड़ाई दिल्ली के दरियागंज रेस्तरां और मोती महल रेस्तरां के बीच चल रही है.
बटर चिकन और दाल मखनी का आविष्कार किसने किया? यह अब कोई मामूली सवाल नहीं रह गया है, इसको लेकर छिड़ी जंग अब अदालत की चौखट तक पहुंच गई है. दो प्रसिद्ध रेस्तरां ने इन भारतीय व्यंजनों पर अपना-अपना दावा ठोका है. रेस्तरां मोती महल ने दो विश्व प्रसिद्ध व्यंजनों का श्रेय लेने के लिए प्रसिद्ध रेस्तरां दरियागंज पर मुकदमा ठोका है.
मोती महल के मालिकों ने अदालत के समक्ष दावा किया है कि यह उनके दिवंगत संस्थापक शेफ कुंडल लाल गुजराल थे जिन्होंने बटर चिकन और दाल मखनी का आविष्कार किया था और दरियागंज रेस्तरां यह कहकर लोगों को गुमराह कर रहा है कि दोनों व्यंजनों का अविष्कारक वो था. वादी ने यह दावा करने के लिए दरियागंज रेस्तरां के मालिकों पर मुकदमा दायर किया कि दरियागंज रेस्तरां और मोती महल के बीच एक संबंध है, जिसकी पहली शाखा पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में खोली गई थी.
कोर्ट से की गई ये मांग
मोती महल के मालिकों ने दरियागंज रेस्तरां के मालिकों को यह दावा करने से रोकने की मांग की है कि उनके पूर्ववर्ती स्वर्गीय कुंदन लाल जग्गी इन दो व्यंजनों के आविष्कारक थे, जो अब विश्वभर में प्रसिद्ध हैं. मांग की गई है कि दरियागंज रेस्तरां को इसकी वेबसाइट www.daryaganj.com और फेसबुक, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन और ट्विटर सहित विभिन्न सोशल मीडिया वेबसाइटों तथा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से 'बटर चिकन और दाल मखनी के आविष्कारक' वाली टैगलाइन का उपयोग करने से रोका जाए.
29 मई को होगी अगली सुनवाई
न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने हाल ही में दरियागंज रेस्तरां के मालिकों को एक समन जारी किया था. इस समन में रेस्तरां मालिकों से मुकदमे के जवाब में वादी के दस्तावेजों को स्वीकार या अस्वीकार करने के हलफनामे के साथ एक लिखित बयान दाखिल करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी. बीते कई वर्षों से दोनों रेस्तरां दावा करते हैं कि उन्होंने बटर चिकन और दाल मखनी का आविष्कार किया है.

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