
किश्तवाड़ में फ्लैश फ्लड का रहस्य गहराया... बादल फटा या ग्लेशियर टूटा? वैज्ञानिक परेशान
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चशोती में फ्लैश फ्लड का कारण अभी रहस्य बना हुआ है. बादल फटना या ग्लेशियर झील टूटना दोनों संभावित कारण हो सकते हैं, लेकिन बिना सैटेलाइट डेटा के कुछ कहना जल्दबाजी होगी. मौसम निगरानी केंद्रों की कमी और हिमालय की जटिल भौगोलिक स्थिति इसे और पेचीदा बनाती है.
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती (चिशोती) गांव में 14 अगस्त 2025 को अचानक आई तेज बाढ़ (फ्लैश फ्लड) ने भारी तबाही मचाई. इस घटना में कई लोगों की जान गई. सैकड़ों लापता हैं. लेकिन आखिर यह बाढ़ आई कैसे? क्या इसका कारण बादल फटना (क्लाउडबर्स्ट) था या कोई और कारण? चशोती में मौसम निगरानी केंद्र नहीं होने से सही जानकारी जुटाना मुश्किल हो रहा है.
चशोती में क्या हुआ?
14 अगस्त 2025 को चशोती गांव में सुबह करीब 11:30 बजे एक बड़ी घटना हुई. यह गांव मचैल माता यात्रा के रास्ते पर है, जहां उस दिन हजारों तीर्थयात्री मौजूद थे. अचानक आई बाढ़ ने घरों, दुकानों और एक लंगर को बहा दिया. 60 से ज्यादा लोग मरे, 300 से ज्यादा घायल हुए और 200 से ज्यादा लापता हैं. लेकिन सवाल यह है कि यह बाढ़ आई कैसे, जब मौसम विभाग के आंकड़ों में किश्तवाड़ में 14 अगस्त को बिल्कुल बारिश नहीं हुई और 15 अगस्त को सिर्फ 5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई?
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मौसम निगरानी की कमी

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