
'कानूनी कार्रवाई क्यों न हो...', 15 करोड़ वाले आरोप पर ACB का अरविंद केजरीवाल को नोटिस, पूछे 5 सवाल
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दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले अरविंद केजरीवाल के 15 करोड़ की रिश्वत वाले दावे पर एलजी वीके सक्सेना ने जांच के निर्देश दिए. इस आदेश के बाद एसीबी की टीम पूर्व सीएम के घर गई और एक नोटिस दिया है. एसीबी ने केजरीवाल से सबूत मांगे और पूछा कि आखिर कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए?
दिल्ली विधानसभ चुनाव के नतीजे से एक दिन पहले राजधानी में सियासत गर्मा गई है. यहां अरविंद केजरीवाल समेत आप नेताओं ने हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया था. आरोप था कि विधायकों को '15 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया और आम आदमी पार्टी छोड़ने के लिए दबाव बनाया गया था.' अब एलजी वीके सक्सेना ने इन आरोपों की जांच के आदेश दिए. बयान दर्ज करने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की एक टीम केजरीवाल के घर गई और पांच पॉइंटर्स सवालों के साथ एक नोटिस दिया है.
1. अरविंद केजरीवाल ने 6 फरवरी को अपने एक्स पोस्ट में आप विधायकों को 15 करोड़ ऑफर दिए जाने और पार्टी छोड़ने के लिए दबाव बनाने का दावा किया था. एसीबी ने सबसे पहला सवाल यही पूछा है कि क्या वो पोस्ट अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए थे या नहीं?
2. एसीबी ने उन 16 विधायकों की जानकारी भी मांगी है, जिन्हें रिश्वत के ऑफर वाले फोन कॉल्स आए थे.
3. एसीबी ने अरविंद केजरीवाल से उस शख्स की जानकारी भी मांगी है, जिसने कथित रूप से आप विधायकों को रिश्वत ऑफर करने के लिए फोन कॉल्स किए थे.
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4. एसीबी ने केजरीवाल से सबूत भी मांगे हैं और नोटिस में कहा, "आप और आपकी पार्टी के सदस्यों द्वारा विभिन्न मीडिया/सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लगाए गए रिश्वत की पेशकश के दावे/आरोपों का समर्थन करने के लिए सबूत पेश करें."

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