
'काढ़ा पिया तूने' जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास आया मां हीरा बा का फोन
AajTak
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा के निधन पर दिग्गज नेता दुख व्यक्त कर रहे हैं. इसी दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आजतक से बातचीत के दौरान हीरा बा से जुड़ी कई यादों का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि कोरोना के दौर में हीरा बा पीएम मोदी से फोन कर पूछती थीं कि उन्होंने काढ़ा पिया की नहीं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा का शुक्रवार तड़के 3.30 बजे निधन हो गया. उनकी उम्र 100 साल थी. पीएम मोदी की मां के निधन पर गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित दिग्गज नेताओं ने दुख व्यक्त किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने भी पीएम मोदी की मां के निधन पर शोक जताया और कई पुरानी यादें ताजा कीं.
रविशंकर प्रसाद ने आजतक से बात करते हुए कहा, 'पीएम मोदी का अपनी मां हीरा बा से विशेष लगाव था. वो हमेशा पीएम के लिए प्रेरणा रहीं. प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान एक बार बताया था कि कोरोनाकाल में हीरा बा उनसे फोन करके पूछती थीं कि क्या उन्होंने काढ़ा पिया. हीरा बा पीएम मोदी को हफ्ते में 2 बार फोन करके ये बात जरूर पूछती थीं.' रविशंकर ने कहा कि इस वाकये से पता चलता है कि मां हमेशा मां ही होती है, चाहे बेटा प्रधानमंत्री क्यों न बन जाए.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'मोदीजी की मां का 100 साल का जीवन, समर्पण, गरीबी और संघर्ष का जीवन है. जब मोदीजी 2014 में प्रधानमंत्री बन रहे थे, तब हमें लगा कि हीरा बा राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में जरूर आएंगी, लेकिन इतने बड़े आयोजन में भी वो नहीं आईं. उनकी इस सादगी की दाद देनी पड़ेगी.'
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि दुख की इस घड़ी में भी पीएम मोदी का संकल्प कम नहीं हुआ है. इस बात का अंदाजा उस फैसले से लिया जा सकता है, जिसमें मां के निधन के बाद भी पीएम ने अपने निर्धारित कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं किया है. उन्होंने कहा, 'मैं और मेरी पत्नी बैठकर आपस में यह बात ही कर रहे थे कि प्रधानमंत्री अपने निर्धारित कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं करेंगे और आखिरकार ऐसा ही हुआ. मुझे प्रधानमंत्री मोदी की इस इच्छाशक्ति पर गर्व है. उन्होंने एक तरफ बेटे का फर्ज निभाया तो वहीं दूसरी तरफ देश के प्रति जिम्मेदारी भी निभाई.
अहमदाबाद के अस्पताल में भर्ती थीं
पीएम की मां हीरा बा को मंगलवार को अचानक से सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी. इसके अलावा उन्हें कफ की शिकायत भी थी. इसके बाद उन्हें आनन-फानन में अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल के कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती करा दिया गया था. डॉक्टरों ने उनकी मां का एमआरआई और सीटी स्कैन किया था. गुरुवार को अस्पताल की ओर से बयान जारी कर बताया गया था कि उनकी तबीयत में सुधार है. लेकिन शुक्रवार सुबह 3.30 बजे उनका निधन हो गया.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.








