
कश्मीरी पंडितों और सिखों पर अत्याचार के खिलाफ SIT जांच की मांग, SC में जनहित याचिका दाखिल
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द कश्मीर फाइल्स फिल्म की रिलीज के बाद फिर से कश्मीरी पंडितों को न्याय दिलाने को लेकर मांग उठने लगी है. 24 मार्च को कश्मीरी पंडितों की संस्था रूट्स इन कश्मीर नरसंहार की जांच के लिए के एक बार फिर देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया.
कश्मीर में 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों और सिखों पर हुए अत्याचार के खिलाफ जांच के लिए SIT के गठन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. "वी द सिटीजन" NGO ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की है. याचिका में विस्थापितों के पुनर्वास की मांग की गई है.
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'रूट्स इन कश्मीर' ने भी दाखिल की है याचिका
कश्मीरी पंडितों ने 24 मार्च को 1989-90 के नरसंहार की जांच के लिए के एक बार फिर देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया. कश्मीरी पंडितों की संस्था ‘रूट्स इन कश्मीर’ ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल करते हुए मामले की फिर से जांच करने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में अपने आदेश में यह कहते हुए रिव्यू याचिका खारिज की थी कि नरसंहार के 27 साल बाद सबूत जुटाना मुश्किल है. लेकिन अब कोर्ट में दाखिल नई याचिका में कहा गया है कि 33 साल बाद 1984 के दंगों (सिख दंगों) की जांच करवाई जा सकती है तो ऐसा ही इस मामले में भी संभव है.
कश्मीरी पंडितों को लौटने का सही समय: डीजी CRPF
CRPF के डीजी कुलदीप सिंह ने 17 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कश्मीरी पंडितों के घरों पर CRPF के कई कैम्प चल रहे हैं. मेरे ख्याल से विजिटर्स के आने के लिए माहौल अनुकूल है, लेकिन जहां तक कश्मीरी पंडितों का सवाल है, उन्हें खुद तय करने की आवश्यकता है.

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