
कर्नाटक CM सिद्धारमैया के खिलाफ राज्यपाल ने जांच को दी मंजूरी, जमीन के हेराफेरी का मामला
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सिद्धारमैया पर 2023 विधानसभा के चुनावी हलफनामे में अपनी पत्नी की जमीन के स्वामित्व का खुलासा करने में विफल रहने का आरोप लगाया था, जिसके पीछे संभावित रूप से उनके कुछ गुप्त उद्देश्य थे. शिकायत में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और अन्य कानूनी विधियों के प्रावधानों का हवाला दिया गया है. अब उनके खिलाफ जांच को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है.
कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाले से संबंधित आरोपों के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है. यह फैसला RTI कार्यकर्ता टीजे अब्राहम द्वारा दर्ज की गई शिकायत के बाद लिया गया है. इस फैसले के बाद राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है.
सिद्धारमैया के खिलाफ आरोप मुख्य रूप से MUDA द्वारा किए गए भूमि आवंटन में गड़बड़ी से संबंधित है. आरोप है कि ऐसा करके उन्होंने अपनी पत्नी पार्वती सिद्धारमैया को फायदा पहुंचाया था. हालांकि, मुख्यमंत्री पहले इन आरोपों को खारिज कर चुके हैं और दावा कर चुके हैं सीएम रहते उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया था. सिद्धारमैया 'अगर अथॉरिटी की जमीन है' तो वापस करके दूसरी पर्याप्त जमीन की मांग कर चुके हैं.
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तीन एकड़ जमीन के अधिग्रहण का केस
2021 में, MUDA ने विकास के लिए केसर गांव में उनकी 3 एकड़ की जमीन का अधिग्रहण की थी. बाद में मैसूर के एक रिच शहर विजयनगर में उनकी जमीनों को फिर से आवंटित किया गया. आलोचकों का दावा है कि आवंटित जमीनों का बाजार मूल्य उनकी जमीन की कीमत से काफी ज्यादा थी.
आवंटन प्रक्रिया में हेराफेरी का मामल

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