
कर्नाटक से क्या लिया सबक? MP-राजस्थान-छत्तीसगढ़ में कांग्रेस-बीजेपी की समझें रणनीति
AajTak
कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों के चुनाव की सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. इनमें से ज्यादातर राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. ऐसे में हिमाचल और कर्नाटक की हार से बीजेपी ने क्या सबक लिया और अपनी रणनीति में किस तरह का बदलाव किया?
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद ही अगले मिशन की तैयारियों में सियासी दल जुट गए हैं. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं. इनमें से ज्यादातर राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है.
2014 के लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी हार और कई राज्यों में सरकार गंवाने के बाद कांग्रेस को पहले हिमाचल प्रदेश और अब कर्नाटक में मिली जीत उसके लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है. वहीं, बीजेपी छह महीने के भीतर दो राज्यों की सत्ता गंवा चुकी है और अब उसके सामने पांच राज्यों के चुनाव हैं. इनमें से दो राज्यों में कांग्रेस की सरकार है तो एक में बीजेपी जबकि बाकी दो राज्यों में क्षेत्रीय दल काबिज हैं.
हालांकि, कभी भी दो अलग-अलग राज्यों के चुनाव एक जैसे नहीं होते. उनके मुद्दे, उसकी प्रकृति, जमीनी स्थिति और नेता अलग-अलग होते हैं. इसके बावजूद कांग्रेस के हौसले बुलंद है जबकि बीजेपी की चिंताएं और चुनौतियां दोनों ही बढ़ गई है. कर्नाटक के नतीजे से कांग्रेस आगामी राज्यों के चुनाव के लिए अधिक आशान्वित तो बीजेपी ने अपनी हार से क्या सबक लिया और अपने राजनीतिक एजेंडे में किस तरह के बदलाव किए हैं.
कर्नाटक में जीत-हार का मुद्दा
कर्नाटक की जीत के साथ ही कांग्रेस ने यह संदेश देना शुरू कर दिया है कि इस साल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और सामाजिक न्याय के प्रमुख मुद्दे पर ही लड़ेगी. इसके अलावा लोकलुभावने यानि मुफ्त योजना की गारंटी के वादे के दम पर बीजेपी को मात दी जा सकती है.
वहीं, कर्नाटक में हार के बावजूद बीजेपी हिंदुत्व,विकास और मोदी फैक्टर के भरोसे चुनावी रथ पर सवार है. कर्नाटक में निराश होने के बावजूद अपने कार्यकर्ताओं को यह संदेश दे रही है कि हार-जीत लगी रहती है. पांच राज्यों के चुनाव में नई रणनीति और नए एजेंडे के साथ उतरने की रणनीति पर कदम बढ़ा रही है. इतना ही नहीं बीजेपी क्या नेतृत्व के मामले को अपनी तस्वीर आगामी चुनाव में करेगी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.






